मोतिहारी न्यूज़: रीसस नामक बीमारी से गर्भवती महिलाओं को बचाने और इस रोग के गर्भ में पल रहे बच्चा के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव से बचाने के लिए एंटी आरएच डी इम्यूनोग्लोबिन इजेंक्शन देने का आदेश राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने कटिहार के साथ-साथ जिले के सभी सिविल सर्जन को दिया है.
आदेश में कहा गया कि जिले में आरएच निगेटिव ब्लड ग्रुप वाली गर्भवती महिलाओं को गर्भपात एवं प्रसव बाद यदि नवजात शिशु का ब्लड आरएच पॉजिटिव हो तो प्रसूता को 72 घंटे के भीरत एंटी आरएच डी इम्यूनोग्लोबिन इंजेक्शन दिशा निर्देश के अनुसार निशुल्क देने को कहा गया है. कार्यपालक निदेशक ने कहा कि राज्य में आरएच निगेटिव ब्लड ग्रुप का प्रीवेलेंस 5 प्रतिशत तक होता है. यदि गर्भवति महिला का ब्लड आरएच-निगेटिव ग्रुप है एवं उसके पति का ब्लड ग्रुप आरएच-पॉजिटिव होने पर गर्भवति महिला में आरएच असंगति की संभावना बढ़ जाती है. ऐसी गर्भवति महिला को उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिला मानकर उपचारित करते हुए फॉलोअप किया जाना है ताकि आरअएच इनकंपेटिब्लिटी के कारण नवजात शिशु में सिवर नियोनेटल हाइपर बिलिरूबिनेमिया, हाइड्रेप्फोटेल्स होने या मरा हुआ बच्चा जन्म होने की संभावना रहती है. ऐसी स्थिति में आरएच असंगति को रोकने के लिए गर्भावस्था में गर्भवती महिला जिनका ब्लड ग्रुप आरएच नेगेटिव और उनके पति का ब्लड ग्रुप पूर्व से नहीं पता होने की स्थिति में जांच करते हुए महिला के एमसीएपी कार्ड में दर्ज करावें.
क्या है रीसस रोग यह ब्लड फैक्टर (रक्त समूह) से संबंधित एक बीमारी है, जो एक आरएच-निगेटिव ब्लड ग्रुप वाली महिला के आरएच-पॉजिटिव ब्लड ग्रुप के संपर्क में आने के बाद शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया के कारण होती है. इससे गर्भस्थ शिशु को हानि होती है तथा यह जानलेवा भी हो सकता है.
इन समस्याओं में एंटी-डी इंजेक्शन लगवाने की सलाह
आरएच-निगेटिव ब्लड ग्रुप वाली माताओं को, अबॉर्शन कराने वाली महिलाओं को अबॉर्शन के बाद, गर्भपात होने पर एंटी डी इंजेक्शन लगवाने की सलाह दी जाती है. रीसस बीमारी की रोकथाम यदि महिला आरएच- निगेटिव ब्लड ग्रुप है तथा पति आरएच-पॉजिटिव ब्लड ग्रुप हो तो महिला अपनी गर्भावस्था के 28 से 32 सप्ताह के दौरान किसी समय एंटी-डी इंजेक्शन लेने से विशेष लाभ होता है. आरएच निगेटिव ब्लड ग्रुप महिला को प्रसव / गर्भपात व गर्भावस्था के दौरान रक्तस्राव के 72 घंटे के भीतर एंटी-डी इंजेक्शन लगवाना चाहिए.