बिहार

परिवारवाद की राजनीति पर प्रशांत किशोर का बड़ा बयान

Renuka Sahu
30 May 2022 4:50 AM GMT
Prashant Kishors big statement on family politics
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फाइल फोटो 

पूर्व चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने रविवार को जोर देकर कहा कि ‘जड़ता’ की स्थिति ने बिहार की राजनीति को बर्बाद कर दिया है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पूर्व चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) ने रविवार को जोर देकर कहा कि 'जड़ता' की स्थिति ने बिहार की राजनीति को बर्बाद कर दिया है. जहां पर गत तीन दशक से सत्ता केवल '1200 से 1300 परिवारों' के बीच केंद्रित रही है. उन्होंने वैशाली जिला मुख्यालय में जनसंपर्क अभियान की शुरुआत के तहत यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह दावा किया. उल्लेखनीय है कि किशोर ने बहुचर्चित 3500 किलोमीटर लंबी 'पदयात्रा' की तैयारी के तहत जनसंपर्क अभियान की शुरुआत की. उनकी योजना गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) के दिन पदयात्रा शुरू करने की है. किशोर ने कहा कि साल 1960 तक बिहार (Bihar Politics) बेहतरीन शासित राज्यों में से एक था.

प्रशांत किशोर ने कहा कि 1960 के दशक में स्थिति बिगड़नी शुरू हुई और 1990 के दशक में विकास के सभी मानकों पर यह निचले स्तर पर पहुंच गया. इस दौरान एक विशेषता रही राजनीतिक अस्थिरता. बिहार ने 23 साल की इस अवधि (वर्ष 1967 से 1990 के बीच) में 20 से अधिक सरकारों को देखा. किशोर ने कहा कि मैंने बिहार को सिर्फ इसलिए नहीं चुना क्योंकि यह मेरा गृह राज्य है…इसका पहला कारण यह है कि मैं सत्ता का केंद्रीकरण ऐसे स्तर पर देखता हूं जिसकी कुछ समानताएं हैं.
30 साल में सभी राजनीतिक प्रतिनिधि 1300 परिवारों से आए
उन्होंने कहा कि पिछले 30 साल में सभी सांसद और विधायक केवल 1200 से 1300 राजनीतिक परिवारों से आए, भले ही मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कोई भी हो. कल्पना कीजिए यह उस राज्य की स्थिति है जहां पर तीन करोड़ परिवार हैं. उन्होंने इसके लिए राजनीतिक 'जड़ता' को जिम्मेदार ठहराया. किशोर ने कहा कि साल 1970 से ही यह स्थिति है और आम लोगों को प्रेरित करने के लिए कोई सामाजिक और राजनीति आंदोलन नहीं है.
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