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चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला जारी रखते हुए बुधवार को कहा कि चाहे वह उन्हें उत्तराधिकारी बनाएं या उनके लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ दें, लेकिन वह जदयू सुप्रीमो के लिए काम नहीं करेंगे। किशोर ने मंगलवार को दावा किया था कि उन्होंने कुमार द्वारा जदयू का ''नेतृत्व'' करने के हालिया अनुरोध को ठुकरा दिया था।
'जन सुराज अभियान' के तहत बिहार की अपनी 3500 किलोमीटर लंबी पदयात्रा के तहत पश्चिम चंपारण जिले के जमुनिया गांव में एक सभा को संबोधित करते हुए किशोर ने कहा, ''10-15 दिन पहले मीडिया में खबर आई थी। नीतीश जी अपने घर बुलाए थे और बोले, अरे भाई आप तो हमारे उत्तराधिकारी हैं, यह सब क्यों कर रहे हैं। आइए हमारे साथ, हमारे पार्टी के नेता बन जाइए। उनकी बात सुनी, बहुत लोगों ने हमें गाली लिखकर भेजी कि क्यों इनसे मिलने गये।
नीतीश जी से मिलने इसलिए गए थे कि मिलकर उनको ये बता सकें कि कितना भी बड़ा प्रलोभन दीजिएगा, जनता से एक बार जो वादा कर दिए हैं उससे पीछे नहीं हटेंगे। पीछे नहीं हटने वाले हैं, उत्तराधिकारी बनाएं या कुर्सी खाली कीजिए, उससे कोई मतलब नहीं।'' किशोर (45) को कुमार ने 2018 में जदयू में शामिल किया था और कुछ ही हफ्तों में उन्हें पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर पदोन्नत कर दिया गया था। हालांकि, संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) विवाद को लेकर कुमार के साथ तकरार के कारण उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था।
Admin4
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