बिहार

नालंदा में बिजली आपूर्ति की व्यवस्था चरमराई

Admin Delhi 1
7 Sep 2023 3:30 AM GMT
नालंदा में बिजली आपूर्ति की व्यवस्था चरमराई
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शहरों में दो से तीन तो गांवों में चार से पांच घंटे तक कट रही बिजली

नालंदा: जिले में बिजली आपूर्ति की व्यवस्था चरमरा गयी है. कब बत्ती गुल हो जाएगी कहना मुश्किल है. खासकर ग्रामीण इलाकों में बार-बार बिजली कट किसानों के लिए मुसीबत बन गयी है. पिछले दो दिनों से शाम छह (पिक आवर) बजे से रात 10 से 11 बजे बजे तक लोडशेडिंग कर दी जा रही है. नौबत ऐसी कि शहरी इलाकों में तीन से चार तो गांवों में चार से पांच घंटे तक किस्तों में बत्ती गुल हो रही है. 24 घंटे निर्बाध बिजली देने का दावा फेल हो रहा है.

हद तो यह कि दिन में जरूरत के अनुसार बिजली मिलने के बाद भी विभाग निर्बाध आपूर्ति करने में नाकाम हो रहा है. कभी फ्यूज कॉल तो कभी ट्रीपिंग. उसपर लोडशेडिंग के बहाने बिजली कट किसानों के लिए मुसीबत बन गयी है. अभी धान की खेती का मुख्य सीजन है. बारिश नहीं होने के कारण फसलों को मुरझाने से बचाने के लिए पूरी तरह से बिजली पर निर्भरता है. जिले में रोज करीब 300 एमवी बिजली की खपत होती है. दिन में जरूरत के अनुसार बिजली मिल रही है. लेकिन, शाम होते ही करीब 75 से 80 मेगावाट बिजली की कटौती कर दी जा रही है.

रोटेशन सिस्टम से मिल रही बिजलीकामचलाऊ व्यवस्था के तहत रोटेशन सिस्टम लागू कर दिया जाता है. इसमें में भी भेदभाव होती है. शहरों को ज्यादा तो ग्रामीण इलाकों के जीएसएस (ग्रिड सब स्टेशन) को कम बिजली दी जाती है. बिजली के मामले में एकंगरसराय जीएसएस की स्थिति ठीक नहीं है. हुलासगंज जीएसएस में पावर ट्रांसफॉर्मर खराब रहने के कारण पहले से ही 20 मेगावाट बिजली कम मिल रही थी. उसपर अब लोडशेडिंग के कारण 15 से 20 एमवी की कटौती कर दी जा रही है. नतीजा, एकंगरसराय, परवलपुर, इस्लामपुर, हिलसा, करायपरसुराय आदि प्रखंडों के 13 पीएसएस को एक-एक घंटे के रोटेशन पर बिजली की आपूर्ति करनी पड़ रही है. थरथरी, नूरसराय, धमौली, अस्थावां, चंडी, नगरनौसा इलाके में भी बिजली कट बड़ी समस्या बनी हुई है. थोड़ी राहत यह कि राजगीर, नालंदा और बिहारशरीफ में लोडशेडिंग नहीं की जा रही है.

जिले में खपत के अनुसार बिजली नहीं मिल पा रही है. इस वजह से नियमित बिजली बहाल रखने में परेशानी आ रही है. लोडशेडिंग की समस्या खत्म होते ही उपभोक्ताओं को नियमित बिजली मिलने लगेगी. -सुशील कुमार, एसई, नालंदा सर्किल

बिजली की खपत व आपूर्ति पर एक नजर

ग्रिड सब स्टेशन जरूरत मिली बिजली

नालंदा ग्रिड सब स्टेशन 30 एमवी 30 एमवी

एकंगरसराय ग्रिड सब स्टेशनों 75 एमवी 50 एमवी

बड़ी पहाड़ी ग्रिड सब स्टेशनों 90 एमवी 70 एमवी

राजगीर ग्रिड सब स्टेशनों 30 एमवी 30 एमवी

हरनौत ग्रिड सब स्टेशनों 50 एमवी 30 एमवी

अस्थावां 25 एमवी 10 एमवी

रातभर जाग करनी पड़ रही सिंचाई

खेतों की सिंचाई के लिए कम से कम 16 घंटे निर्बाध बिजली देने का आदेश जारी किया गया है. खासकर दिन में. लेकिन, यह दावा भी फेल हो रहा है. जबकि, मौसम की बेरुखी के बीच लोग पटवन के लिए पूरी तरह से बिजली पर निर्भर हैं. सरदार बिगहा के किसान धनंजय कुमार, थरथरी के अशोक कुमार, करायपरसुराय के पवन कुमार, इस्लामपुर के राकेश कुमार व अन्य कहते हैं कि बिजली कब रहेगी और कब कट जाएगी कोई गारंटी नहीं है. दिन में बिजली रहती कम, जाती ज्यादा है. नतीजा, रात में जागकर पटवन करना पड़ता है.

अनियमित आपूर्ति से कारोबारी भी परेशान

बिजली की अनियमित आपूर्ति का असर कारोबार पड़ रहा है. खासकर प्रखंडों मुख्यालयों के बाजारों में शाम में बत्ती गुल होने पर दुकानदारों के साथ ही ग्राहकों को फजीहत उठानी पड़ती है. बिन बिजली समय से पहले बाजारों में सन्नाटा पसर जा रहा है. शहरों की अपेक्षा ग्रामीण इलाकों में खेती कार्य के लिए इन दिनों सबसे ज्यादा बिजली की मांग है. अन्य दिनों की अपेक्षा अभी डेढ़ गुना तक बिजली की खपत हो रही है. लोड बढ़ने के कारण ट्रांसफॉर्मर, तार और जम्फर जवाब दे रहे हैं. ट्रीपिंग की समस्या काफी बढ़ गयी है.

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