बक्सर न्यूज़: यहां की दोयम दर्जे की बिजली व्यवस्था पर्व-त्योहारों की खुशियों पर पानी फेर देती है. हद तो यह कि जर्जर विद्युत व्यवस्था की खामियों व खुद की नाकामियों को छिपाने के लिए यह पर्व-त्योहारों के दिन घंटों विद्युत कटौती प्रशासन द्वारा जानबूझकर कराई जाती है. ताकि किसी घटना-दुर्घटना की खुद की जवाबदेही से बचा जा सके.
सरकार द्वारा नियमित बिजली आपूर्ति के दावे को न केवल प्रशासन, बल्कि बिजली कंपनी भी ठेंगा दिखाने से परहेज नहीं करती है. जबकि जर्जर तार व पोल समेत अन्य विद्युत व्यवस्था में सुधार व मरम्मत के नाम पर हर साल लाखों की राशि खर्च करने की खानापूर्ति की जाती है.
महाशिवरात्रि पर तकरीबन 06 घंटे तक लगातार बिजली गुल रखी गई, ताकि शोभायात्रा के दौरान विद्युत के चलते कोई हादसा से बचा जा सके. जबकि बिजली न रहने से उपभोक्ताओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा. बिजली के अभाव में मोटर नहीं चलने से लोग बूंद-बूंद पानी को तरस गए. वही रात भी अंधेरे में गुजारनी पड़ी.
प्रकाश के अभाव में बच्चों की पढ़ाई तो बाधित रही ही, मोबाइल आदि इलेक्ट्रॉनिक्स सामान के डिस्चार्ज होने के बाद लोग अपने जरूरी कार्यों से भी वंचित रह गए. इस संबंध में उपभोक्ता अशोक कुमार सिंह व सुरेश सिंह ने कहा कि बिजली व्यवस्था सुधारने के नाम पर हर साल लाखों रुपये कंपनी द्वारा खर्च किए जाने का दावा किया जाता है. लेकिन उस राशि का उपयोग कहां होता है यह भगवान जानते हैं. क्योंकि पर्व-त्योहारों के अलावा हल्की आंधी-पानी में भी सबसे पहले बिजली गुल हो जाती है.