भागलपुर: जिलों में पुलिस शराब जब्त तो करती है पर समय पर विनष्टीकरण नहीं करा पा रही है. शराब के विनष्टीकरण में पिछड़े जिलों की लिस्ट तैयार कर मुख्यालय ने संबंधित जिलों के एसपी और रेंज के आईजी और डीआईजी को भेजा है. उनमें भागलपुर के आसपास के भी कई जिले शामिल हैं. पुलिस मुख्यालय से मद्यनिषेध के डीआईजी का कहना है कि राज्य में शराब विनष्टीकरण का औसत 96 प्रतिशत है, जबकि कई जिलों में इसका प्रतिशत राज्य के औसत से कम है. उन जिलों को इसमें सुधार करने को कहा गया है.
इन 17 जिलों का शराब विनष्टीकरण का प्रतिशत राज्य औसत से है कम
जिन जिलों में शराब विनष्टीकरण का औसत राज्य से कम है उनमें जमुई में 88 प्रतिशित, अररिया में 92 प्रतिशत, रेल मुजफ्फरपुर में 83 प्रतिशत, भोजपुर में 88 प्रतिशत, सुपौल में 94 प्रतिशत, सहरसा में 94 प्रतिशत, सीतामढ़ी में 95, सिवान में 95, बक्सर में 95, बगहा में 95, गया में 95, बेगूसराय में 95, गोपालगंज में 94, रेल पटना में 94, कैमूर में 94, पटना में 92, शिवहर में 92 प्रतिशत है. मद्य निषेध के डीआईजी ने उक्त जिलों में शराब विनष्टीकरण के औसत में सुधार को कहा है. शराब जब्त होने के बाद उसके विनष्टीकरण की प्रक्रिया जल्दी शुरू करने को भी कहा है.
जब्ती के बाद समय पर शराब का विनष्टीकरण नहीं होने से कई तरह की परेशानी होती है. शराब को मालखाना में रखा जाता है. ज्यादा समय तक मालखाना में रखे जाने पर कई बार शराब की बोतल टूट जाती है. ऐसे में जब विनष्टीकरण के दौरान मिलान किया जाता है तो जब्त की गई शराब की बोतल की संख्या कम हो जाती है.