बिहार

जहरीली शराब से 39 लोगों की मौत पर सियासत

Gulabi Jagat
15 Dec 2022 10:40 AM GMT
जहरीली शराब से 39 लोगों की मौत पर सियासत
x
बिहार के छपरा में जहरीली शराब के सेवन से मरने वालों की संख्या बढ़कर 39 तक पहुंच गई है। इस घटना के बाद से प्रदेश में नीतिश सरकार द्वारा लागू की गई शराबबंदी और उसके असर को लेकर राजनीतिक बयानबाजी और सियासत शुरु हो गई है।
छपरा दुःखांतिका पर सरकार को विपक्ष द्वारा घेरे जाने पर मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने कहा है कि जहरीली शराब से शुरु से लोग मरते रहे हैं, इससे अन्य राज्यों में भी लोग मरते हैं। लोगों को सचेत रहना चाहिये क्योंकि जब शराब बंदी है तो खराब शराब मिलेगी ही। जो शराब पियेगा वो मरेगा। इस पर पूरी तरह से एक्शन होगा। उन्होंने कहा कि मैंने अधिकारियों को सूचित किया है कि गरीबों को न पकड़ें जो लोग इसका व्यवसाय कर रहे हैं उन्हें पकड़ें। शराब बंदी कानून से कई लोगों को फायदा हुआ है, कई लोगों ने शराब छोड़ दी है।
उधर भाजपा सांसद सुशील मोदी ने मीडिया में दिये बयान में कहा कि मैं मानता हूं कि जहरीली शराब की वजह से दूसरे राज्यों में भी लोग मर सकते हैं। आपने (नीतीश कुमार) बिहार में जब शराबबंदी लागू करने का निर्णय लिया, तो फिर कैसे इतनी बड़ी संख्या में लोग मर रहे हैं, इतनी बड़ी संख्या में लोग जेल कैसे जा रहे हैं? उन्होंने कहा कि हम शराबबंदी के समर्थन में हैं मगर इसकी समीक्षा किये जाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री को इस विफलता की जिम्मेदारी लेकर सदन और भाजपा के विधायकों से क्षमा मांगनी चाहिये।
वहीं केंद्रीय मंत्री गिरीरीज सिंह ने कहा कि ये बिहार का दुर्भाग्य है। बिहार में जब से शराब नीति चली है तब से कई हजार लोग मर गए हैं। मगर मुख्यमंत्री की संवेदना नहीं जगती और जब सदन में कोई इसको उठाता है तो उससे ऐसा व्यवहार करते हैं जो कोई उम्मीद नहीं करता।
इन राजनीतिक बयानबाजियों के बीच प्रदेश के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा है कि अभी छपरा में शराबकांड हुआ है जिसमें लोगों की मृत्यु हुई है, तो ये लोग (भाजपा) 3-4 महीने पहले कहां थे। जब गोपालगंज कांड हुआ था तब भाजपा वाले मौन धारण किए हुए थे। तब कोई कुछ क्यों नहीं बोल रहा था? उन्होंने कहा कि आज केवल नाटक कर रहे थे। जब सत्र चल रहा हो तो बीच में इस तरह का नाटक करना उचित नहीं है। दरअसल, इनके पास कोई मुद्दा नहीं है, ये 2024 को लेकर डरे हुए हैं।
Next Story