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पटना (आईएएनएस)। आम तौर पर चुनाव के एक - दो महीने पहले गठबंधन के नेताओं की मुलाकात का सिलसिला तेज होता है। अगले साल संभावित लोकसभा चुनाव में अभी काफी वक्त है, ऐसे में नेताओं के बीच तेज हुए मुलाकात को लेकर मायने निकाले जाने लगे हैं।
हाल के दिनों में देखे तो रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राबड़ी आवास पहुंचे थे, हालांकि इस दिन राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद से मुलाकात नहीं हो सकी थी। इसके एक दिन के बाद नीतीश कुमार फिर से पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी आवास पहुंच गए।
इस दिन लालू प्रसाद से उनकी मुलाकात हुई और दोनों नेताओं के बीच करीब आधे घंटे तक बातचीत हुई। इस दौरान, आम तौर पर देखा जाए तो नीतीश कुमार राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद से मिलने पहुंचते रहे हैं लेकिन गुरुवार को लालू प्रसाद अचानक मुख्यमंत्री आवास पहुंच गए और नीतीश कुमार से मुलाकात की।
इस दिन भी दोनों नेताओं की अकेले में 30 से 35 मिनट तक बातचीत हुई। इन मुलाकातों के बाद लालू प्रसाद की पार्टी राजद के नेताओं ने शुक्रवार को नीतीश कुमार को पीएम उम्मीदवार के लिए सबसे योग्य बताकर सियासत को गर्म कर दिया।
इस बीच, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के राष्ट्रीय महासचिव डी. राजा ने बुधवार को राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद से मुलाकात की और केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ लड़ाई तेज करने को लेकर चर्चा की।
विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया में शामिल दलों के नेताओं के तेजी से हुई इन मुलाकातों को लेकर अब मायने निकाले जाने लगे हैं। कहा जा रहा है कि गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर तस्वीर साफ नहीं होने के कारण सभी दल पेशोपेश हैं।
सूत्रों का मानना है कि सभी दल चाहते हैं कि सीटों का बंटवारा हो जाए। राजद के एक नेता नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर कहते हैं कि सीट बंटवारे को लेकर अंधकार कायम है। उन्होंने तो यहां तक कहा कि राजद और जदयू भी असमंजस में हैं कि वे कितनी सीटों पर चुनाव लडेंगे।
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