बिहार

भाकपा माओवादी के पोलित ब्यूरो सदस्य प्रमोद मिश्रा गया से गिरफ्तार

Admin4
10 Aug 2023 11:19 AM GMT
भाकपा माओवादी के पोलित ब्यूरो सदस्य प्रमोद मिश्रा गया से गिरफ्तार
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बिहार। प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के शीर्ष नेता सह पोलित ब्यूरो के सदस्य प्रमोद मिश्रा एवं अनिल यादव को बिहार एसटीएफ एवं सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार कर लिया है. गया में एक ही परिवार के चार लोगों को फांसी पर लटकाने वाले इन दोनों माओवादिओं को गया जिले के टिकारी थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है. इनकी गिरफ्तारी के बाद सीआरपीएफ की कोबरा टीम प्रमोद से पूछताछ कर रही है. दोनों गिरफ्तार नक्सली कई कांडों के वांछित आरोपित है तथा उक्त दोनों नक्सली के विरुद्ध कांड दर्ज करते हुये अग्रिम कार्रवाई की जा रही है. उक्त दोनों नक्सलियों से पूछताछ कर आगे की कार्रवाई भी की जा रही है.
घटना के संबंध में बताया जाता है कि नक्सली प्रमोद मिश्रा उर्फ लव कुश अपने साथी अनिल यादव के साथ गया के टिकारी प्रखंड के पड़री के जरही टोला अपने रिश्तेदार के यहां आये थे. बिहार एसटीएफ को यह सूचना मिली थी कि माओवादी के शीर्ष नेता टिकारी थाना क्षेत्र में कहीं छुपे हैं. इसके बाद बिहार एसटीएफ एवं सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने छापेमारी कर इनको गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद अब इनकी निशानदेही पर नक्सली संगठन से जुड़े अन्य सहयोगियों और हथियारों का पता लगाने के लिए गया. जिले के इमामगंज, बांकेबाजार और डुमरिया थाना क्षेत्र में एक साथ कई ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है.
माओवादी संगठन के पोलित ब्यूरो सदस्य प्रमोद मिश्रा उर्फ मदन जी की संगठन में एक अलग पहचान थी. मीटिंग से लेकर कार्य योजना बनाने तक की जिम्मेवारी प्रमोद मिश्रा की थी. उनके कासमा स्थित आवास पर इओयू की टीम ने भी छापेमारी की थी. हालांकि क्या हासिल हुआ यह अब जानकारी नहीं दी गयी. औरंगाबाद जिले की बात करें, तो एक नहीं बल्कि दर्जनों मामले दर्ज हैं. औरंगाबाद एसपी स्वप्ना जी मेश्राम ने बताया कि औरंगाबाद जिले के विभिन्न थानों में वर्ष 2014 से लेकर 2022 तक 22 मामले प्रमोद मिश्रा पर दर्ज किये गये हैं. मदनपुर थाने में 17, देव थाने में चार और अंबा थाने में एक प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
जानकारी के मुताबिक, कुछ साल पहले पुलिस ने माओवादियों के इस्टर्न रीजनल ब्यूरो का मुख्यालय कहे जाने वाले झारखंड के सारंडा के जंगलों में दबिश डाली थी. उस वक्त प्रमोद मिश्रा वहां मौजूद थे, जो पुलिस को चकमा देकर वहां से निकल भागे थे. इसके बाद से झारखंड की पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने के लिए हाथ धोकर पीछे पड़ी थी. झारखंड की पुलिस प्रमोद मिश्रा को गिरफ्तार करने के प्रति किस हद तक गंभीर थी, इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पुलिस ने उन पर एक करोड़ के इनाम का प्रस्ताव सरकार को भेज रखा था.
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