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सहरसा। जिले के सिमरी बख्तियारपुर रानीबाग के एन. एच.107 पर रविवार की शाम पुलिस ने गुप्त सूचना पर 18 चक्के वाली हरियाणा नं की एक ट्रक पर भारी मात्रा में सरकारी अरवा चावल जब्त की। कालाबाजारी की सूचना पर बख्तियारपुर थाना पुलिस ने एनएच 107 रंगिनियां के समीप से करीब ट्रक को जब्त कर चालक को हिरासत में ले लिया गया है। बख्तियारपुर पुलिस ने बीएसओ को देते हुए अग्रतर कार्रवाई करने की जानकारी दी। बख्तियारपुर पुलिस की सूचना पर प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी (बीएसओ) सिमरी बख्तियारपुर थाना पहुंच जब्त ट्रक का तिरपाल खोल चावल व बोरा को देख जांच शुरू कर दिया गया। बीएसओ ने बताया कि ट्रक में अरवा चावल है पुरे मामले की छानबीन की जा रही है। बख्तियारपुर थानाध्यक्ष कृष्ण कुमार ने बताया कि बीएसओ को जांच कर अग्रतर कार्रवाई के लिए कहा गया है। उनके द्वारा समर्पित जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। आए दिन डीलर द्वारा कालाबाजारी करने की नियत से बेचे गए अरवा चावल पकड़ाया करता है। लेकिन उसकी मात्रा दस बीस क्विंटल में होती थी।पहली बार 18 चक्के की ट्रक में भारी मात्रा में चावल पकड़ाया है। एचआर 46 डी 7205 नं 18 चक्के जप्त ट्रक में हरियाणा के लिए चावल लोड किया गया था। ट्रक ड्राइवर उत्तर प्रदेश के फैजाबाद निवासी वसीद अहमद ने बताया 9102833085 नं से फोन कर खाद्यान्न लोड करने की बात बताएं गए पते पर आने को कहा गया। जिस पते पर रानीबाग पहुंच ट्रक में चावल लोड किया। उसके बाद बनमा ईटहरी के तेलियाहाट बाजार गया।
वहां भी गाड़ी में और चावल लोड कर रस्सी व तिरपाल कर कांटा कराने रानीबाग आया तो वहां पुलिस पहुंच बोरे के बारे में पूछ ताछ की। चावल लोड होने की जानकारी पर पुलिस ने गाड़ी लेकर थाना चली गई। सूत्र बताते हैं कि सरकार द्वार गरीबों को मुफ्त में खाद्यान्न दिया जा रहा है।जिसमें गेहुं और अरवा चावल दी जाती है। अरवा चावल तो खाने योग्य नहीं होता है।इसलिए उसे छोटे छोटे बिक्रेताओं को बेच दिया जाता है। छोटे छोटे बिक्रेता चावल को गद्दी दुकानदार के पास बेच देता। जब तीन चार गद्दी दुकानदार के पास अधिक मात्रा में चावल स्टाक हो जाता है तो वह अन्य प्रदेश को लोड करने वाले लोडर के हाथों चावल बेच दिया जाता है। चुंकि सरकार द्वारा डीलर के माध्यम से गरीबों को दिए जाने वाले खाद्यान्न में अरवा चावल की क्वालिटी खाने योग्य नहीं रहती है। इसलिए लाभूक भी डीलर को अगूठा लगा चालव डीलर को ही छोड़ रूपए ले लेते हैं।लाभूक उस रूपए से बाजार ने उसना चावल खरीद खाते हैं। डीलर के पास इस प्रकार अरवा चावल का स्टाक लाभूक के हिसाब से खत्म हो जाता है। लेकिन अरवा चावल जो स्टाक हो जाता है उसे वह गद्दी दुकानदार को बेच देता है। सूत्र बताते हैं कि डीलर लाभूक को 07 रूपए से लेकर 9 रूपए प्रति किलो का रेट देकर पॉस मशीन में अंगूठा लगा लेते हैं। वहीं चावल को वह गद्दी दुकानदार को 10 रूपए से लेकर 13 रूपए प्रति किलो की दर से बेच देते हैं। गद्दी दुकानदार उस चावल को लोडर के हाथों 15 से 16 रूपए प्रति किलो बिक्री कर दिया जाता है।
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