बिहार
खाद के लिए लाइन में लगे किसानों पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज
Ritisha Jaiswal
29 July 2022 1:44 PM GMT
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सीतामढ़ी जिले में यूरिया खाद लेने पहुंचे किसानों पर पुलिस ने लाठियां भांजी. पुलिस के इस लाठीचार्ज में एक किसान बुरी तरह जख्मी हो गया.
सीतामढ़ी जिले में यूरिया खाद लेने पहुंचे किसानों पर पुलिस ने लाठियां भांजी. पुलिस के इस लाठीचार्ज में एक किसान बुरी तरह जख्मी हो गया. पुलिस की लाठी पड़े ही उसके सिर से खून की धार फूट पड़ी. स्थानीय अस्पताल में उसकी मरहम-पट्टी कराई गई है.
बता दें कि सीतामढ़ी जिले में यूरिया खाद को लेकर किसानों में हाहाकार की स्थिति है. सीतामढ़ी के रीगा स्थित बिस्कोमान भवन के काउंटर पर शुक्रवार को सुबह 7 बजे से किसानों की लाइन लगनी शुरू हो गई थी. भीड़ ज्यादा, कतार लंबी और खाद की किल्लत के बीच वहां अफरातफरी की स्थिति थी. जब किसानों की भीड़ बेकाबू होने लगी तो पुलि वाले को मौके पर पहुंच कर मोर्चा संभालना पड़ा.
मौके पर पहुंची पुलिस ने अपना रौब दिखाना शुरू कर दिया. पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने को लेकर लाठीचार्ज कर दी. इस लाठीचार्ज से एक किसान बुरी तरह घायल हो गया. घायल किसान की पहचान रीगा के इमली बाजार के रहनेवाले जीतू सहनी के रूप में हुई है. हालांकि स्थानीय लोगों ने उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया है. वहीं, घटनास्थल पर मौजूद अवर निरीक्षक रणवीर सिंह ने हालात को देखते हुए अपनी सरकारी गाड़ी में 4 बोरा यूरिया खाद लादकर उक्त किसान के घर पहुंचा दिया.
इस घटना के बाद स्थानीय किसानों में पुलिस के खिलाफ भारी आक्रोश है. पुलिस लाठीचार्ज में घायल हुए किसान जीतू सहनी ने कहा कि पुलिस की लाठी से वह बुरी तरह जख्मी हुआ है. संजोग से जान बच गई. माथे की चोट जान भी ले सकती थी.
सीतामढ़ी के किसान नेता नागेंद्र प्रसाद सिंह ने खाद वितरण के तरीके का विरोध किया है. उन्होंने बताया कि प्रत्येक पंचायतों में पैक्स के माध्यम से खाद का वितरण होता तो कहीं भी हंगामा नहीं होता. सभी पंचायत के जरूरतमंद किसानों को खाद भी मिल जाता. बिस्कोमान में प्रखंड ही नहीं दूसरे प्रखंड के लोग भी लाइन में लगकर खाद का उठाव करना शुरू कर देते हैं. जो किसान नहीं हैं, वे भी यहां से खाद खरीद कर ऊंचे दाम पर बेचने के लिए लाइन में लग जाते हैं. ऐसी परिस्थिति में भीड़ होने पर जरूरतमंद किसानों को लाठी खानी पड़ती है. उन्होंने कहा कि खाद लेने के लिए सिर्फ आधार कार्ड मांगा जाता है, जो गलत है. इसमें जमीन की रसीद अगर मांगी जाए, तो लाइन में भीड़ कम हो जाएगी और जरूरतमंद किसानों को खाद लेने में सुविधा होगी.
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