बिहार

पुलिस ने साइबर फ्रॉड गिरोह के दो शातिरों को किया गिरफ्तार

Admin4
31 Jan 2023 9:48 AM GMT
पुलिस ने साइबर फ्रॉड गिरोह के दो शातिरों को किया गिरफ्तार
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बिहार। पत्रकार नगर थाने की पुलिस ने एक बार फिर से साइबर फ्रॉड गिरोह के दो शातिरों को गिरफ्तार किया है. दोनों के पास से फर्जी कंपनी के दस रबर स्टांप, राशि लिखा छह चेक, विभिन्न बैंकों के 16 एटीएम कार्ड, 15 ब्लैंक चेक, पांच चेकबुक, फर्जी कंपनी कवि ट्रेडर्स, काजोल इंटरप्राइजेज, राज इंटरप्राइजेज, अनिता ट्रेडर्स के दस्तावेज के अलावा श्रम संसाधन विभाग से संबंधित फर्जी कागजात मिले हैं. यही नहीं शातिरों ने फर्जी कंपनी का रबर स्टांप भी बनवा रखा था. गिरफ्तार दोनों शातिर सिंटू और मंटू अरवल के रहने वाले हैं, जो पटना के रामकृष्णा नगर थाना क्षेत्र में किराये के मकान में रहकर साइबर फ्रॉड करते थे. थानाध्यक्ष मनोरंजन भारती ने बताया कि सिंटू ग्रेजुएशन व मंटू 12वीं का छात्र है.
पुलिस ने सोमवार को पूछताछ के बाद दोनों को जेल भेज दिया है. थानाध्यक्ष ने बताया कि सिंटू और सरगना अविनाश पटना में रहकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करते थे. जब दोनों की नौकरी नहीं लगी, तो दोनों ने मिलकर साइबर फ्रॉड करना शुरू कर दिया. दो महीने पहले मंटू को भी अपने गिरोह में जोड़ा था. गिरफ्तार शातिरों ने पुलिस को बताया कि वह लोगों से लॉटरी, नौकरी, केवाइसी और फ्रेंचाइजी दिलाने के नाम पर ठगी करते हैं. पुलिस इस मामले में बैंक के कई स्टाफ से भी पूछताछ कर सकती है. शातिरों के पास से मिले खातों में रखे रुपये को फ्रीज करवा दिया गया है.
थानाध्यक्ष ने बताया कि गिरोह ठगी का पैसा करंट अकाउंट में मंगवाते हैं. करंट अकाउंट खुलवाने के लिए ही सारे फर्जी दस्तावेज व रबर स्टांप का इस्तेमाल किया जाता है. पूछताछ में बताया कि पैसा निकासी का काम शातिर अब अहले सुबह चार से छह के बीच में करते हैं, ताकि पुलिस और पब्लिक की नजर न पड़े. मिली जानकारी के अनुसार दोनों की गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही गिरोह के अन्य सदस्य रामकृष्णानगर थाना क्षेत्र स्थित किराये के मकान का ताला तोड़कर उसमें रखे सारे सामान कार से लेकर फरार हो गये.
मिली जानकारी के अनुसार पुलिस गश्ती कर रही थी. इसी दौरान सूचना मिली कि बाइक सवार दो संदिग्ध लोग दक्षिणी गोलंबर के पास आइडीएफसी बैंक के सामने खड़े हैं. पुलिस जब वहां पहुंची और दोनों से पूछताछ की तो दोनों ने पहले कई बहाने बनाये. इसके बाद पुलिस को भटका कर कई जगहों पर घुमाया, बाद में जब कड़ायी से पूछताछ हुई, तो दोनों ने साइबर फ्रॉड होने की बात स्वीकार की.
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