बिहार

मणिपुर पर बोलने में पीएम की अनिच्छा

Sonam
27 July 2023 6:29 AM GMT
मणिपुर पर बोलने में पीएम की अनिच्छा
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को लोकसभा में विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के लिए संसद में मणिपुर मुद्दे को संबोधित करने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अनिच्छा को जिम्मेदार ठहराया। नीतीश कुमार कह पार्टी जदयू ने कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन किया है। कुमार ने यह भी दावा किया कि मोदी के हालिया राजनीतिक बयानों से भाजपा के नेतृत्व वाले राजग में ‘घबराहट’ दिख रही है और यह विपक्षी दलों नए गठबंधन ‘इंडिया’ का प्रभाव है। मणिपुर की घटना पर एक सवाल के जवाब में नीतीश ने कहा, ‘‘वहां जो कुछ भी हो रहा है उसपर केन्द्र सरकार को ध्यान देना चाहिए। महिलाओं के साथ गलत व्यवहार किया गया। विपक्ष इस मामले को लेकर एकजुट है। प्रधानमंत्री को इसका जवाब देना चाहिए।’’ विपक्ष की पार्टियां लोकसभा और राज्यसभा में यही मांग कर रही हैं। पिछले साल राजग से नाता तोड़कर बिहार में महागठबंधन की सरकार बनाने वाले जदयू नेता ने कहा कि सरकार ने चुप्पी साध रखी है लेकिन विपक्ष को यह स्वीकार्य नहीं है और इसी कारण अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है।

पटना में पिछले महीने विपक्षी दलों की पहली बैठक की मेजबानी करने वाले नीतीश कुमार ने विपक्षी गठबंधन के संक्षिप्त नाम ‘इंडिया’ का प्रधानमंत्री मोदी द्वारा मजाक बनाए जाने पर कहा कि भाजपा विपक्ष की एकजुटता से घबरा गयी है। लोकसभा चुनाव 2024 में जनता ने तीसरी बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को मौका देने का मन बना लिया है, प्रधानमंत्री के इस दावे पर नीतीश ने कहा, ‘‘राजग नाम तो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के समय का है। वे लोग राजग का नाम अब क्यों ले रहे हैं। राजग की बैठक इनके कार्यकाल में पहले कभी नहीं हुई। अब जो बैठक हुई है वह विपक्षी दलों के दबाव में हुयी है। राजग की बैठक में जो दल शामिल हुये हैं, उसमें कई दलों का नाम तक लोग नहीं जानते हैं।’’ बेंगलुरु में विपक्ष की बैठक वाले दिन राजग की बैठक बुलाने को लेकर मोदी पर तंज कसते हुए नीतीश ने कहा, ‘‘विपक्ष की बैठक के बाद राजग की बैठक हुई। वह राजग कहां है जिसके बारे में वह बात कर रहे हैं। यह दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी के समय बने गठबंधन को दिया गया नाम था जिसे वर्तमान सरकार भूल गई लगती है। मैं 2017 से 2022 तक इन लोगों के साथ गठबंधन में था और एक बार भी उन्होंने राजग की बैठक बुलाने की जहमत नहीं उठाई।’’

पटना के गाँधी मैदान के समीप कारगिल विजय दिवस के अवसर पर बुधवार को आयोजित एक राजकीय समारोह में पत्रकारों से में नीतीश ने केंद्र की मौजूदा सरकार पर इतिहास को बदलने और महात्मा गांधी के योगदान को कम करने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘वे इतिहास नहीं बदल पाएंगे, वे इतिहास बन जाएंगे।’’ नीतीश ने कहा, ‘‘वे लोग देश के इतिहास को बदलना चाहते हैं। देश के इतिहास को बदलने नहीं दिया जाएगा। हमलोगों ने नई पीढ़ी को इतिहास से अवगत कराने के लिए अपने राज्य में कई कार्य किए हैं। देश के इतिहास को पहले बदलने की कोई कोशिश नहीं की गई। ये लोग देश के इतिहास को बदलना चाहते हैं, इसलिए हम उनसे अलग हो गए।’’ जदयू नेता ने राजग से बाहर निकलने का बचाव करने के लिए जिन कारणों का पूर्व में हवाला दिया था, उनमें भाजपा द्वारा उनके अनुरोध पर सहमत होने से इंकार करना भी शामिल था कि उनकी पार्टी जो उस समय सबसे बड़ी सहयोगी थी, को लोकसभा में उसके सांसदों के अनुपात में केंद्रीय मंत्रिपरिषद में प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए।

नीतीश ने भाजपा पर तत्कालीन जदयू अध्यक्ष आरसीपी सिंह को उनकी मंजूरी के बिना केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने का भी आरोप लगाया था। बाद में सिंह को राज्यसभा में एक और कार्यकाल देने से इनकार कर दिया गया जिसके कारण उन्हें इस्तीफा देना पड़ा और उन्होंने आरोपों के बाद पार्टी छोड़ दी कि वह भाजपा के इशारे पर जदयू को विभाजित करने की कोशिश कर रहे थे। पूर्व आईएएस अधिकारी कुछ महीने पहले भाजपा में शामिल हो गए थे। जदयू के शीर्ष नेता ने यह भी कहा कि राजग की बैठक में जो दल शामिल हुये हैं, उसमें कई दलों का लोग नाम भी नहीं जानते हैं। मुख्यमंत्री से उन अटकलों के बारे में भी पूछा गया कि उनके कार्यालय द्वारा राजस्व और भूमि सुधार विभाग में कई तबादलों को रद्द करने से राजद के साथ विवाद शुरू हो सकता है, जो राज्य के सत्तारूढ़ महागठबंधन का सबसे बड़ा घटक दल है क्योंकि इसके राष्ट्रीय महासचिव आलोक मेहता के पास यह विभाग है।

नीतीश ने स्पष्ट किया कि यह कदम सरकार की नीति के अनुरूप है कि जब तक कि संबंधित कर्मी ने तीन साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर लिया हो या अधिकारी के खिलाफ कोई शिकायत न हो तब तक किसी भी तबादले का आदेश नहीं दिया जाएगा। राजद नेता और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव जो नीतीश के बगल में खड़े थे, अनुमोदन में मुस्कुराए। अपने मंत्रिमंडल के विस्तार के बारे में एक सवाल पर जिसमें सहयोगी दलों राजद और कांग्रेस को कुछ और चेहरों के शामिल होने की उम्मीद है, के बारे में नीतीश ने कहा, ‘‘यह उचित समय पर होगा।’’ जब ज्यादा दबाव डाला गया तो उन्होंने तेजस्वी की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार समय पर होगा। मंत्रिमंडल विस्तार में कोई समस्या नहीं है।

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