मोतिहारी न्यूज़: जिले में गर्मी बढ़ने के साथ ही मनरेगा से लगाए गये पौधे सूखे हैं. जिले में विगत वर्ष 6.20 लाख पौधे मनरेगा से लगाए गये थे. इसमें करीब 20 प्रतिशत पौधों के सूखने का अनुमान लगाया गया है. जिससे विगत साल लगाए गये पौधों के सूखने का आंकड़ा करीब 1.24 लाख पहुंचने का अनुमान है.
मनरेगा से सड़क,आहर व पईन किनारे पौधरोपण किया गया है. इसके अलावा विद्यालय परिसर में पौधे लगाए गये हैं. पौधों की सुरक्षा के लिए गैबियन घेराबंदी करायी गयी है. प्रति दो सौ पौधों पर एक वनपोषक की तैनाती की गयी है. लगाए गये पौधों की देखभाल के लिए करीब 5 हजार वनपोषक तैनात किये गये हैं. इन वन पोषकों को पौधरोपण योजना की देखभाल के लिए पांच वर्ष तक के लिए रोजगार मुहैया कराया गया है. जो पौधे सुख गये हैं उन्हें स्थांतरित करते हुए उनकी जगह नये पौधे लगाने की योजना बनायी जाएगी. इसको लेकर कवायद शुरू है. पौधरोपण योजना से पर्यावरण को सुरक्षा मिलेगी. इससे रोजगार के अवसर मिले हैं. पौधे लगाए जाने से बरसात के दिनों में मिट्टी का क्षरण रुकेगा. मनरेगा डीपीओ अमित उपाध्याय ने बताया कि जितने पौधे लगाए गये हैं उसमें करीब बीस प्रतिशत पौधों के सूखने का अनुमान है. बताया कि सूखे पौधों की जगह नये पौधे लगाने की योजना को जल्द मूर्त्तरूप दिया जाएगा.
ढाका में 42 हजार पौधों में से करीब 7 हजार पौधे सूख गए
ढाका प्रखंड में मनरेगा से पिछले वित्तिय वर्ष में 210 यूनिट यानी 42 हजार पौधें विभिन्न पंचायतों में लगाए गए थे, लेकिन इसमें से करीब 7 हजार पौधे सुख गए हैं. हालांकि इन पौधों की देखरेख के लिए पूरे प्रखंड क्षेत्र में 315 वनपोषक बहाल किए गए हैं. महीने में आठ दिन इन वनपोषकों को पौधें की देखरेख व सिंचाई व कोड़ाई करनी पड़ती है. इन्हें 210 रुपए का रोज मजदूरी दी जाती है. इन वनपोषकों पर प्रति माह करीब 5.29 लाख रूपए खर्च होते हैं.