पटना न्यूज़: भू-जलस्तर तेजी से नीचे गिर रहा है. कम बारिश ने यह समस्या और बढ़ा दी है. इसीलिए इस बार मनरेगा से पौधरोपण का लक्ष्य पिछले साल की तुलना में डेढ़ गुना से भी अधिक कर दिया गया है.
पटना जिले में मनरेगा से औसतन चार लाख पौधे लगाए जाते हैं लेकिन इस बार दो बार लक्ष्य बदला गया. पहले छह लाख 18 हजार पौधे लगाने की योजना बनी, जिसे बदल कर अब 7 लाख 25 हजार कर दिया गया है. 15 जून के बाद मनरेगा से होने वाले मिट्टी के काम को बंद कर दिया जाएगा. उसके बाद प्रखंडों में पौधों को सुरक्षित रखने के लिए गैबियन बनेगा. पहले चरण में पटना के प्रत्येक प्रखंड में वर्षामापी यंत्र लगाया गया. इससे पता चला कि जिन इलाकों में पेड़-पौधे अधिक हैं वहां वर्षा का अनुपात पिछले कई वर्षों में अधिक है. पटना जिले में हरियाली बढ़ाने के लिए वन विभाग और मनरेगा के तहत बड़े पैमाने पर पौधरोपण का लक्ष्य है. वन विभाग प्रत्येक साल दो लाख से अधिक पौधे लगाता है. इसीलिए जुलाई से पौधरोपण शुरू होगा.
पटना में 32 फीट नीचे है जलस्तर
पटना जिले में भू-जल स्तर 32 फीट नीचे है. कई प्रखंडों में तो औसत जलस्तर 22 फीट नीचे है. 40 फीट नीचे जलस्तर जाने के बाद भीषण पेयजल संकट हो सकता है. पटना जिले में भू-जलस्तर खतरे के प्वाइंट से केवल 8 फीट ऊपर है.