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बिहार पुलिस ने मुजफ्फरपुर जिले में एक महिला के दोनों गुर्दे कथित तौर पर निकालने के मामले में एक निजी नर्सिंग होम के मालिक और एक चिकित्सक को पकड़ने के लिए तीन विशेष दलों का गठन किया है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
तीन बच्चों की मां पीड़िता सुनीता देवी 15 सितंबर से पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) के गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में डायलिसिस पर है। पुलिस ने बताया कि मुजफ्फरपुर के बरियारपुर इलाके में एक अनधिकृत नर्सिंग होम शुभकांत क्लिनिक में उसके दोनों गुर्दे कथित तौर पर निकाल लिए गए थे, जहां तीन सितंबर को उसकी गर्भाशय निकालने की सर्जरी हुई थी। हालांकि, सरकारी आईजीआईएमएस के चिकित्सकों ने कहा कि उसके दोनों गुर्दे निकाल लिए गए हैं या नहीं, इसकी पुष्टि के लिए और जांच की जरूरत है।
सकरा पुलिस थाने के प्रभारी निरीक्षक सरोज कुमार ने कहा, ''गर्भाशय हटाने की सर्जरी के बाद, वह पेट दर्द से पीड़ित रही। आखिरकार वह सात सितंबर को श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एसकेएमसीएच) गई। जांच करने के बाद एसकेएमसीएच के चिकित्सकों ने उसके परिवार को बताया कि उसके दोनों गुर्दे निकाल लिए गए हैं।'' उन्होंने कहा, ''आरोपियों शुभकांत क्लिनिक के मालिक पवन कुमार और आर के सिंह को पकड़ने के लिए तीन विशेष दलों का गठन किया गया है। आरोपियों के नीम हकीम होने का संदेह है।'' आईजीआईएमएस में सुनीता का इलाज कर रहे चिकित्सकों ने कहा कि उनकी हालत बेहद नाजुक है।
आईजीआईएमएस में वृक्क विज्ञान (नेफ्रोलॉजी) और गुर्दा प्रतिरोपण विभाग के प्रमुख डॉ. ओम कुमार ने कहा, ''वह नियमित डायलिसिस पर है और उसकी हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है। उसकी स्थिति में सुधार होने पर उसे गुर्दा प्रतिरोपण से गुजरना होगा। उसकी स्थिति पर करीबी नजर रखी जा रही है।'' आईजीआईएमएस में मूत्र विज्ञान (यूरोलॉजी) विभाग के प्रमुख डॉ. राजेश तिवारी ने हालांकि कहा कि उनके दोनों गुर्दे निकाले गए हैं या नहीं, इसकी पुष्टि के लिए और जांच की जरूरत है। आईजीआईएमएस के प्राचार्य डॉ. रंजीत गुहा ने कहा कि राज्य सरकार ने सुनीता के परिवार को उनके इलाज का खर्च वहन करने का आश्वासन दिया है।गयाः बिहार के गयाजी में चल रहे विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला-2022 महासंगम के अंतिम दिन आज तीर्थ यात्रियों ने फल्गु नदी के जल से तर्पण कर्मकांड किया। आज के दिन अमावस्या को पितरों को मोक्षदायिनी फल्गु नदी के जल से तर्पण कर्मकांड किया जाता है।
आज सर्व पितृ अमावस्या
अहले सुबह से ही हजारों की संख्या में पिंडदानियों का जनसैलाब फल्गु नदी स्थित देवघाट पर उमड़ पड़ा, जहां पूरे धार्मिक विधि-विधान से फल्गु नदी में स्नान कर तीर्थ यात्रियों ने पितरों को तर्पण किया। इस मौके पर स्थानीय पंडा ऋषिकेश गुर्दा ने बताया कि आज सर्व पितृ अमावस्या है। आश्विन माह में चल रहे 17 दिनों के त्रिपक्षीय श्राद्ध का आज अंतिम दिन है। उन्होंने बताया कि आज अंतिम दिन 'सुख सैंयादान' और पिंडदान कर पितरों को विदाई दी जाती है। यह वटवृक्ष की महत्ता है।
क्या है पौराणिक मान्यता
ऐसी पौराणिक मान्यता है कि जो लोग 17 दिनों तक पिंडदान नहीं कर पाते हैं, वे आज के दिन फल्गु नदी के पवित्र जल से स्नान कर सभी पितरों के नाम से तर्पण एवं 'जलदान' करते हैं, जिससे पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। ऐसे में आज का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण है। आज के दिन अक्षयवट वृक्ष के नीचे सुफल करने से पितरों की आत्मा तृप्त हो जाती है। ऐसे में दूर-दराज से आए पिंडदानी पितरों की आत्मा की शांति हेतु आज तर्पण कर्मकांड कर रहे हैं।
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