जनप्रतिनिधियों ने मेलों के संरक्षण के लिए जताई प्रतिबद्धता
गोपालगंज न्यूज़: जिले में परम्परागत मेलों के संरक्षण व संवर्द्धन के लिए जन प्रतिनिधियों ने अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है. कहा है कि मेला हमारे ग्रामीण संस्कृति और सभ्यता की पहचान है.
जिले से विलुप्त हो रहे मेलों को पुनर्जीवित करने के लिए हर स्तर पर पहल करेंगे. बैकुंठपुर प्रखंड के गोरेयास्थान मेले की साल दर साल अवधि कम होने से इसके खत्म होने हो जाने की आशंका है. बैकुंठपुर के ही नरवार गांव में कार्तिक पूर्णिमा मेला सिमटता जा रहा है. दिघवा दुबौली में दशहरा मेले की अवधि भी कम हो गई है. सांसद डॉ आलोक कुमार सुमन ने कहा कि जिले में धार्मिक अवसरों और पर्व-त्योहारों पर लगने वाले मेले को बढ़ावा देने के लिए वे ठोस पहल करेंगे. सदन में भी इसके लिए आवाज उठाएंगे. कहा कि मेला हमारी सभ्यता व संस्कृति है. यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए भी अहम है. हथुआ के विधायक राजेश कुमार सिंह कुशवाहा ने कहा कि राज्य सरकार के स्तर पर मेलों को संरक्षित करने के लिए पहले से ही पहल की जा रही है. हथुआ व गोपालगंज के दूसरे इलाके में लगने वाले मेलों के संरक्षण के लिए वे हर संभव कोशिश करेंगे. बैकुंठपुर के विधायक प्रेमशंकर यादव ने कहा कि उनके इलाके में लगने वाले मेलों का दायरा बढ़ा है. कुछ परंपरागत मेलों को फिर से पुराने रूप में लाने के लिए वे आवाज उठाएंगे. बरौली के विधायक रामप्रवेश राय ने कहा कि ग्रामीण स्तर पर लगने वाले मेले को हम धरोहर मानते हैं. अपनी धरोहर बचाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे. ग्रामीण मिले को जीवंत बनाए रखने व सरकारी स्तर पर संरक्षण के लिए सदन में आवाज उठाएंगे. गोपालगंज की विधायक कुसुम देवी ने कहा कि मेले सभ्यता व संस्कृति की पहचान है. इसे जीवंत रखने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा.