गोपालगंज। गोपालगंज में दियरा इलाके के लोगों के बीच बाढ़ के पूर्व बेचैनी बढ़ गई है। 227000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद गंडक नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है। ऐसे में दियारा इलाके के लोग भय के माहौल में जीने को मजबूर है। लोग अपना आशियाना खुद तोड़ रहे हैं। ताकि उसमें से कुछ जरूरी के सामान निकल सके। दरअसल, गोपालगंज जिला बाढ़ प्रभावित इलाका माना जाता है। गंडक नदी जब उफान पर होती है तो न जाने कितने ही घरों और जमीनों को अपने आगोश में ले लेती है।
और एक बार फिर बाढ़ के हालात बनने के पहले दियारा इलाके के लोगों के बीच भय का माहौल है। नेपाल के तराई इलाकों में हो रहे लगातार बारिश के कारण वाल्मीकि नगर बैराज से करीब 227000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। पानी छोड़े जाने के बाद दियरा इलाके में रहने वाले लोग अपने घर से छोड़कर ऊंचे स्थान तक जाने लगे हैं।
कुछ ऐसे भी लोग हैं जो जिसने अपने खून पसीने लगाकर काफी मेहनत कर।घर बनाया था लेकिन गंडक नदी का जलस्तर गांव के करीब पहुंचते देख अब उसे तोड़ने लगे है। अब उन्हें डर है कि कहीं पूरा गांव ना गंडक नदी के गोद में समा जाए जिससे घर में लगाए गए ईंट, किवाड़ बर्बाद हो जाएगा। ग्रामीणों ने बताया कि हमेशा कि यह परिपाटी रही है हमेशा बाढ़ आता हैं जान माल का नुकसान होता है। कोई नेता कोई मंत्री कोई मदद नहीं करता। किसी तरह हम लोग रहने को विवश होते हैं।