लोगों ने खेली कादो-मिट्टी की होली, हर गांव के चौक चौराहों पर रही फगुआ गीतों की धूम
भागलपुर: वैसे तो ग्रामीण इलाकों में फगुआ के रंग होली आने से पहले ही शुरू हो जाता है। गांव के चौपाल पर होली के गीत ढोलक, नगाड़े, डफली और मंजीरे की थाप सुनाई देनी शुरू हो जाती है। लेकिन जैसे-जैसे होली की तारीख नजदीक होती आती है वैसे होली की खुमारी भी लोगों में हावी होने लगता है।
होली से पहले होलिका दहन की विधिवत पूजा की जाती है। फिर सम्मत चलाया जाता है। उसके बाद गांव के लोग जमकर मिट्टी की होली खेलते हैं। जिसे धुरखेल भी कहते हैं। मंगलवार को कई गांव ऐसा ही माहौल रहा। लोगों ने जमकर मिट्टी की होली खेली। ग्रामीण ढोल मंजीरे और झाल करताल के साथ खूब फगुआ के गीत गाए।
कुछ लोगों ने बताया कि हम लोगों को होली पर्व का इंतजार रहता है। हम लोग कोलकाता, चेन्नई और बेंगलुरु में रहते हैं। लेकिन होली में हम लोग जरूर एकत्रित होते हैं। होली का मजा एक अनोखा मजा ।है यह भाईचारे और एकता का प्रतीक है। हम लोग एकत्रित होते हैं। एक दूसरे को अबीर गुलाल लगाकर बधाइयां देते हैं। अपने गिले-शिकवे भूलकर एक हो जाते हैं।