बिहार

मधुरपट्टी के लोगों को अब वार्ड में ही मिलेगा राशन

Admin Delhi 1
20 Sep 2023 8:47 AM GMT
मधुरपट्टी के लोगों को अब वार्ड में ही मिलेगा राशन
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पटना: नाव हादसे के पीड़ित गांव मधुरपट्टी के लोगों को अब अपने वार्ड में ही राशन मिलेगा. लोग पहले भी बगल के वार्ड से राशन ले सकते थे, लेकिन नदी पार कर भटगामा जाते थे. एसडीओ पूर्वी अमित कुमार के निर्देश पर मधुरपट्टी के लिए नई व्यवस्था बहाल की गई है.

गांव की मुखिया शोभा देवी के आग्रह पर प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी ने यह व्यवस्था की है. नई व्यवस्था में पैक्स अध्यक्ष जगदीश साह को मधुरपट्टी में राशन वितरण की जवाबदेही दी गई है. पैक्स अध्यक्ष ने बताया कि अनुमति मिलने के बाद उन्होंने मधुरपट्टी में गोदाम ले लिया है और अब राशन का वितरण वार्ड में ही किया जाएगा. इसके पहले मधुरपट्टी के लोग अनाज के लिए बलौर या भटगामा जाते थे.

बताते चलें कि नाव हादसे के दूसरे दिन ग्रामीणों ने ‘हिन्दुस्तान’ से बातचीत में बताया था कि उन्हें गांव में पुल-स्कूल व राशन की जरूरत है. इनके अभाव में गांव के हर आदमी को नाव से बागमती पार करना मजबूरी थी. इसी मजबूरी की वजह से स्कूली बच्चे-बच्चियों समेत गांव के 12 लोगों को बागमती की तेज धार बहा ले गई. इस नाव हादसे ने ऐसा जख्म दिया है, जो कभी भर नहीं सकता. अपनों को खोने वाले परिवारों के अलावा दूसरे लोग भी नाव से नदी पार जाने की कल्पना से अब कांप जाते हैं. अभिभावक अपने बच्चों को पढ़ने के लिए हाईस्कूल नहीं भेजना चाहते. हादसे के बाद सांत्वना देने पहुंचने वाले नेताओं और अधिकारियों से लोग पुल और स्कूल का सवाल जरूर करते हैं

पुल के लिए मुख्यालय को प्रस्ताव भेजने की तैयारी

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिला प्रशासन मधुरपट्टी में एक नये पुल के लिए मुख्यालय को प्रस्ताव भेजने की तैयारी में है. इसके लिए पहले फिजिबिलिटी रिपोर्ट ली जाएगी और उसके बाद पुल की अनुशंसा की जाएगी.

स्कूल को अपग्रेड की तलाशी जा रही संभावना

वहीं मधुरपट्टी के माध्यमिक स्कूल को हाईस्कूल में अपग्रेड करने की संभावना भी तलाशी जा रही है. जानकारी के अनुसार मधुरपट्टी माध्यमिक विद्यालय के पास अपनी जमीन तो है, लेकिन हाईस्कूल चलाने के लिए भवन नहीं है. इस मामले में देखा जाएगा कि शिक्षा विभाग या किसी दूसरे विभाग की निधि का उपयोग कर यह सुविधा भी मधुरपट्टी में बहाल की जाये. वर्तमान में मधुरपट्टी की छात्र-छात्राएं हाईस्कूल बलौर जाने के लिए नाव से भटगामा घाट पार कर स्कूल जाती थीं.

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