बिहार

एचएन वायरस के नए वैरिएंट के प्रकोप से लोग सर्दी-बुखार से हो रहे ग्रसित

Admin Delhi 1
13 March 2023 8:08 AM GMT
एचएन वायरस के नए वैरिएंट के प्रकोप से लोग सर्दी-बुखार से हो रहे ग्रसित
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दरभंगा न्यूज़: जिले में इन दिनों वायरल सर्दी-खांसी व बुखार का प्रकोप बढ़ रहा है. बुखार और सर्दी तो ठीक हो जा रही है, पर खांसी कम से कम एक सप्ताह तक परेशान करती है. इसका मुख्य कारण मौसम में बदलाव और एच वन एन वन वायरस के नए वैरिएंट के प्रकोप को माना जा रहा है.

बता दें कि ठंड का मौसम बीतते ही गर्मी ने दस्तक देनी शुरू कर दी है. दोपहर में तेज धूप होने से गर्मी लगती है और सुबह-शाम ठंड का अहसास होता है. कई चिकित्सकों ने कहा कि अगर पंखा या एसी चला रहे हैं तो शरीर को कपड़े से ढंककर रखना जरूरी है. शहर के प्रख्यात फिजीशियन डॉ. एके गुप्ता ने कहा कि इन दिनों सर्दी-खांसी के मरीजों में 20 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है. मौसम में बदलाव के कारण भी इस तरह की परेशानी हो रही है. सुबह और शाम में ठंड रहती है जबकि दोपहर में तेज धूप रहती है. डॉ. गुप्ता ने कहा कि उत्तर भारत में इन दिनों एच वन एन वन वायरस के नए वैरिएंट का प्रकोप बढ़ गया है. दिल्ली जैसे स्थानों से इससे पीड़ित लोगों के बिहार आने पर उनके संपर्क में आने वाले लोग इससे पीड़ित हो रहे हैं. इसलिए इन दिनों सर्दी-खांसी से पीड़ित लोगों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए. अगर इस तरह की परेशानी से ग्रसित हों तो गर्म पानी का सेवन करें और एंटी एलर्जिक दवा का सेवन करना चाहिए. एंटीबायोटिक से परहेज करें क्योंकि यह वायरल इंफेक्शन होता है. डॉ. गुप्ता ने कहा कि एहतियात बरतने से एक सप्ताह में इस तरह की परेशानी से छुटकारा मिल जाता है.

वहीं, डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि इस बदलते मौसम में हार्ट व ब्लड प्रेशर के मरीजों को सतर्क रहने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जिले में इन दिनों सर्दी-खांसी के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. ज्यादातर मरीज सर्दी-खांसी के ही अस्पताल में इलाज के लिए आ रहे हैं. इधर, डीएमसीएच अधीक्षक डॉ. अलका झा ने कहा कि बदलते मौसम में परहेज नहीं करना घातक हो सकता है. उन्होंने बताया कि ओपीडी में भी सर्दी-खांसी के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. हालांकि इसके लिए सभी आवश्यक दवाएं उपलब्ध हैं. उन्होंने बताया कि इस बदलते मौसम में खासकर बुजुर्गों की सांस से संबंधित परेशानी बढ़ सकती है. अभी लोगों को गर्म कपड़े पहनना जरूरी है. नवजात का भी विशेष ध्यान रखना जरूरी होता है. माताएं उन्हें कंगारू केयर दें.

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