सिवान: अनुमंडल मुख्यालय व असपास के क्षेत्रों में नल- जल का हाल बेहाल है. 80 प्रतिशत नल जल की टोटी सूखी पड़ी है. करोड़ो खर्च के बाद भी 85 प्रतिशत लोग पानी खरीदकर प्यास बुझा रहें हैं. गर्मी शुरू हो जाने के बाद भी सभी पंचायतों में नल का जल हर घर में नहीं पहुंच पाया है. कई जगहों पर अनुरक्षकों का भुगतान नहीं होने से सप्लाई बाधित है. तो कई जगहों पर पाइप लाइन क्षतिग्रस्त हो जाने, पानी की टंकी फूट जाने, मोटर की खराबी से भी पानी लोगों को नहीं मिल पा रही है. पानी की सप्लाई बाधित होने की वजह सड़क का निर्माण व घटिया पाइप लाइन के साथ रख रखाव में लापरवाही बताई जा रही है. जहां नल - जल चालू है. वहां नल के जल से सब्जी की सिंचाई हो रही है. क्योंकि, अधिकांश जगहों पर घटिया पाइप लाइन के चलते पानी पीने लायक नहीं है. प्रखंड की सोलह पंचायतों में पीने लायक नल का जल मुश्किल से 15 प्रतिशत लोगों को मिल रहा है. गर्मी में लोगों को पेयजल की समस्या झेलनी पड़ रही है.
बीडीओ डॉ. रवि रंजन ने बताया कि नल जल योजना को पंचायतों से पीएचईडी को सौंप दी दी गई है. उन्होंने बताया कि सिकटिया, शिवदह, हजपुरवा, टेघड़ा सहित 8 पंचायतों के 9 वार्डों में नल-जल योजना ठप पड़ गई है. जिससे तीन हजार से अधिक की आबादी प्रभावित हो रही है. उन्होंने बताया कि नल-जल योजना को पीएचईडी को हस्तांतरित करने के बाद शीघ्र ही चालू कराया जाएगा.
मैरवा में पांच करोड़ खर्च के बाद भी नहीं मिल रहा पेयजलमैरवा. नगर में पेयजल आपूर्ति को लेकर पांच करोड़ खर्च के बाद भी लोगों को पेयजल नहीं मिल रहा है. पानी टंकी के निर्माण के दो दशक बाद भी पेयजल आपूर्ति शुरू नहीं हो सकी है. पीएचईडी से नगर पंचायत के जिम्मे पानी टंकी आने के पांच वर्ष बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है. इधर पांच करोड़ की लागत से चार अन्य पानी टंकी का निर्माण और कनेक्शन देने की तैयारी थी. जिसके बाद लोगों को पानी सप्लाई शुरू होने की उम्मीद थी. पेयजल को लेकर अब तक निर्माण और अन्य मद में लगभग तीन करोड़ खर्च होने पर भी पानी सप्लाई शुरू नहीं हुआ है. लगभग एक करोड़ पच्चीस लाख की लागत से तीन हजार घरों तक कनेक्शन देने का काम भी अब लगभग बंद हो गया है. लगभग पांच सौ घर तक कनेक्शन देने के बाद नये पानी टंकी के निमार्ण का काम अधर में लटका हुआ है.