पटना के लाल ने बनाया बीमारी की जांच के लिए बायोसेंसर, मोबाइल पर दिखेगा रिपोर्ट
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रतिभा बोलती है। इस कथन को चरितार्थ किया है पटना के डॉ. सुदीप शेखर ने। उन्होंने ऐसा बायोमेडिकल सेंसर बनाया है जो चिकित्सा जगत में क्रांति ला सकता है। यह सेंसर चिकित्सकीय जांच को पहले से कहीं ज्यादा तेज, आसान और सस्ता बना सकता है। इससे लोगों को पैथोलॉजी व अन्य जांच पर आने वाले भारी-भरकम खर्च से छुटाकारा मिलेगा। डॉ. शेखर को इस आविष्कार के लिए 2022 का वैश्विक शिमेट साइंस पॉलीमैथ्स अवार्ड मिला है। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार पाने वाले वह भारतीय मूल के पहले कनाडाई प्रोफेसर हैं।
कंकड़बाग के रहने वाले डॉ. प्रो. सुनील कुमार सिन्हा के पुत्र सुदीप शेखर अभी ब्रिटिश कोलंबिया यूनिविर्सिटी के इलेक्ट्रिकल एवं कंप्यूटर इंजीनियरिंग विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। दस लोगों को उक्त पुरस्कार मिला है। प्रत्येक पुरस्कार विजेता को रिसर्च कार्य के लिए पांच वर्ष तक हर साल पांच-पांच लाख डॉलर यानी कुल लगभग 20 करोड़ मिलेंगे।