बिहार

पटना के लाल ने बनाया बीमारी की जांच के लिए बायोसेंसर, मोबाइल पर दिखेगा रिपोर्ट

Renuka Sahu
29 July 2022 2:21 AM GMT
Patnas Lal made biosensor to test the disease, report will be seen on mobile
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फाइल फोटो 

प्रतिभा बोलती है। इस कथन को चरितार्थ किया है पटना के डॉ. सुदीप शेखर ने।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रतिभा बोलती है। इस कथन को चरितार्थ किया है पटना के डॉ. सुदीप शेखर ने। उन्होंने ऐसा बायोमेडिकल सेंसर बनाया है जो चिकित्सा जगत में क्रांति ला सकता है। यह सेंसर चिकित्सकीय जांच को पहले से कहीं ज्यादा तेज, आसान और सस्ता बना सकता है। इससे लोगों को पैथोलॉजी व अन्य जांच पर आने वाले भारी-भरकम खर्च से छुटाकारा मिलेगा। डॉ. शेखर को इस आविष्कार के लिए 2022 का वैश्विक शिमेट साइंस पॉलीमैथ्स अवार्ड मिला है। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार पाने वाले वह भारतीय मूल के पहले कनाडाई प्रोफेसर हैं।

कंकड़बाग के रहने वाले डॉ. प्रो. सुनील कुमार सिन्हा के पुत्र सुदीप शेखर अभी ब्रिटिश कोलंबिया यूनिविर्सिटी के इलेक्ट्रिकल एवं कंप्यूटर इंजीनियरिंग विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। दस लोगों को उक्त पुरस्कार मिला है। प्रत्येक पुरस्कार विजेता को रिसर्च कार्य के लिए पांच वर्ष तक हर साल पांच-पांच लाख डॉलर यानी कुल लगभग 20 करोड़ मिलेंगे।

प्रोफाइल
● शिक्षा : खड़गपुर आईआईटी से बीटेक, वाशिंगटन यूनिवर्सिटी से पीएचडी
● उपलब्धि : 5 जी चिप बना चुके हैं, यंग एलुमनी एचीवर अवार्ड सहित कई पुरस्कार पा चुके हैं
सामान्य दवा दुकान में भी उपलब्ध होगा बायोसेंसर
डॉ. शेखर की योजना है कि इस बायोसेंसर को इतना छोटा और डिस्पोजेबल बनाया जाए कि इसके उपयोग में आसानी हो। साथ ही यह सस्ती और विश्वसनीय बायोमेडिकल परीक्षण प्रदान करने में सक्षम हो। दूरस्थ क्षेत्रों में जहां चिकित्सकीय जांच की सुविधा न नहीं है तथा आपातकालीन स्थिति में इसका उपयोग किया जा सके। उन्होंने बताया कि यह बायोसेंसर सस्ता होने के कारण सामान्य दवा की दुकानों पर भी उपलब्ध होगा। इससे आम लोगों को पैथोलॉजी सहित अन्य चिकित्सकीय जांच के लिए एक तो भटकना नहीं होगा और दूसरे बहुत कम खर्च में विभिन्न जांच हो जाएगी। मोबाइल से जोड़ा जा सकेगा
बायोमेडिकल सेंसर एक फोटोनिक चिप की तरह है और यह क्रेडिट कार्ड के आकार तक सिकुड़ जाएगा। इससे रक्त, लार या मूत्र का इस्तेमाल कर शुगर, हृदय रोग, वायरल इन्फेक्शन सहित अन्य बीमारियों का पता मिनटों में लगाया जा सकेगा। इस चिप को स्मार्ट मोबाइल फोन से जोड़कर जांच के परिणाम को देखा जा सकेगा।
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