बिहार

Patna: दृष्टि दिव्यांग बच्चों को नहीं मिली किताबें

Admindelhi1
15 July 2024 4:39 AM GMT
Patna: दृष्टि दिव्यांग बच्चों को नहीं मिली किताबें
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पटना: मुजफ्फरपुर समेत पूरे सूबे से भी बच्चे के लिए इसबार किताबों की मांग नहीं आई है. पिछले साल सूबे के साढ़े हजार बच्चों के लिए किताबें छपी थीं. बिहार-झारखंड के बच्चों के लिए मुजफ्फरपुर में ही ब्रेल में किताबें छपती हैं. कक्षा से 12वीं तक के दृष्टि दिव्यांग बच्चों के लिए ये किताबें छपती हैं. इस सत्र में अबतक बच्चों को किताबें नहीं मिलने से पढ़ने में कठिनाई आ रही है. साल पहले सूबे में लाख तक ऐसे बच्चों का आंकड़ा दिया जाता था. नाम-पते के साथ बच्चों की खोज शुरू हुई तो हजार पर यह संख्या आ गई. सरकार ने यूडी आईडी की अनिवार्यता की तो अब साढ़े हजार की संख्या में भी हीलाहवाली होने लगी है. किताब छापने को छह महीने से इंतजार हो रहा है.

किताब छापने का जिम्मा जिले में शुभम केन्द्र को मिला है. केन्द्र की डॉ. संगीता अग्रवाल ने बताया कि बिना यूडी आईडी के किताब नहीं देनी है. यूडी आईडी नहीं बनने के कारण डिमांड भी नहीं भेजी जा रही है. झारखंड से अब 100-150 बच्चों के लिए मांग आई है.

जिले में समावेशी केन्द्र व से अधिक शिक्षक मगर रिजल्ट जीरो

जिले में समावेशी केन्द्र व से अधिक समावेशी शिक्षक भी इन बच्चों की मदद के लिए कार्यरत हैं, लेकिन रिजल्ट जीरो है. डॉ. अग्रवाल ने बताया कि अभिभावक आते भी हैं, लेकिन उन्हें नहीं पता होता कि आईडी कैसे बनना है. जिले में दृष्टि दिव्यांग बच्चों की संख्या 200 से अधिक है. डीपीओ सर्वशिक्षा अभियान ने बताया कि इसपर समावेशी केन्द्र से रिपोर्ट ली जा रही है कि कितने बच्चों का आईडी बना है और किताब के लिए डिमांड क्यों नहीं भेजी गई. किताब छापने का जिम्मा जिले में शुभम केन्द्र को मिला है. केन्द्र की डॉ. संगीता अग्रवाल ने बताया कि बिना यूडी आईडी के किताब नहीं देनी है.

यूडी आईडी नहीं बनने के कारण डिमांड भी नहीं भेजी जा रही है. झारखंड से अब 100-150 बच्चों के लिए मांग आई है.

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