Patna: वायरस स्वभाव बदलकर बुखार पीड़ितों को दे रहा जोड़ों का दर्द
पटना: इन दिनों बुखार पीड़ितों को एक अलग परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बुखार के साथ उनके पैरों, जोड़ों में दर्द, एड़ियों, उंगलियों में सूजन हो जा रहा है. दर्द इतना ज्यादा कि मरीजों को सीधे पैर से चलना मुश्किल हो रहा है. वे लंगड़ाकर चल पा रहे हैं. इस कारण चिकित्सकों द्वारा इस तरह के वायरल बुखार को लंगड़ा बुखार का नया नाम दे दिया गया है.
पीड़ितों को यह दर्द और सूजन बुखार ठीक होने के एक-डेढ़ माह बाद भी बरकरार है. ऐसे में कई मरीज फिजिशियन से दिखाने के बाद हड्डी रोग विशेषज्ञों के क्लिनिकों व अस्पतालों के भी चक्कर लगाते दिख रहे हैं. राज्य के एक बड़े पद पर कार्यरत आईएएस अधिकारी और उनकी पत्नी भी इस समस्या से पीड़ित होकर पटना के पारस अस्पताल में इलाज कराने कुछ दिन पहले पहुंचे थे. पारस अस्पताल के इंटरनल मेडसिन के हेड डॉ. विकास सौरभ, एनएमसीएच के मेडिसिन विभाग के हेड डॉ. अजय कुमार सिन्हा ने इस तरह के बुखार को लंगड़ा बुखार का नाम दिया है. डॉ. विकास सौरभ ने बताया कि पारस अस्पताल और कंकड़बाग में स्थित उनके निजी क्लिनिक में कुल मिलाकर 200 से अधिक इस तरह के मरीजों को देखा है. एनएमसीएच के डॉ. अजय कुमार सिन्हा का भी यही कहना है. बताया कि इस बुखार का लक्षण पूरी तरह से डेंगू और चिकनगुनिया से मिल रहा है. लेकिन दो-दो बार जांच कराने के बाद भी ना तो डेंगू निकल रहा है और ना ही चिकनगुनिया. बताया कि पटना के कंकड़बाग, कदमकुआं, लोहानीपुर, भूतनाथ रोड, अगमकुआं,डॉक्टर्स कॉलोनी, हनुमाननगर, बाजार समिति, गोला रोड, राजा बाजार, शास्त्रत्त्ीनगर, बोरिंग रोड जैसे इलाके में बड़ी संख्या में इस तरह के मरीज पाए जा रहे हैं.
15 से 20 प्रतिशत पीड़ितों में ऐसी समस्या: डॉ. विकास सौरभ और डॉ. अजय कुमार ने बताया कि उनके पास आनेवाले कुल बुखार पीड़ितों में से 15 से 20 प्रतिशत में जोड़ों में दर्द और सूजन जैसी समस्या पाई जा रही है. इस बार सिर्फ पारस, एनएमसीएच और उनके क्लिनिक में ऐसी समस्या से ग्रसित 750 से ज्यादा मरीज पहुंच चुके हैं. पटना का लोहानीपुर निवासी राहुल ने बताया कि सिर्फ उनके मोहल्ले में ही 100 से ज्यादा मरीज इस तरह की समस्या से ग्रसित हैं. मेडिसिन के चिकित्सकों की एक सामान्य बैठक में भी यह बीमारी की खासी चर्चा हुई थी.
इस तरह के बुखार पीड़ितों के सैंपल को जांच के लिए पुणे स्थिति वायरोलॉजी संस्थान में भेजा जाना चाहिए. इससे वायरस के स्वभाव बदलने अथवा इस तरह के बुखार के सही कारणों का पता चल सकता है.
- डॉ. विकास सौरभ, हेड, इंटरनल मेडिसिन, पारस एचएमआरआई अस्पताल, पटना.