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रेंट पर मिलेंगे अत्याधुनिक मेडिकल उपकरण
पटना: कोराना काल के दौरान स्वास्थ्य सुविधाओं का क्या हाल था, यह किसी से छिपा हुआ नहीं है. ऐसे में आम जनता की सुविधाओं को ख्याल रखते हुए एक नई तरह की बिजनेस मॉडल की शुरूआत हुई है. अब पटनावासियों को घर में भी अस्पताल जैसी सुविधा और इलाज मिल सकेगा. दरअसल, हॉस्पिटो केयर की ओर से मेडिकल उपकरण रेंट पर देने की नई पहल शुरू की गयी है. आज रविवार को सेंटर का उद्घाटन किया गया. जिसमें बतौर मुख्य अतिथि भाजपा विधायक अरुण कुमार सिन्हा और जदयू पार्टी के प्रवक्ता रणवीर नंदन मौजूद थे.
घर में मिलेगा अस्पताल जैसा इलाज : इस सुविधा का सबसे अधिक फायदा उन मरीजों को होगा, जो किसी कारणवश इलाज के अस्पताल में भर्ती नहीं होना चाहते. अब वे अपनी मेडिकल जरूरत के हिसाब से उपकरण को रेंट पर ले सकते हैं. छोटे बच्चों से लेकर बड़े लोगों के लिए वेंटीलेटर युक्त आईसीयू बेड उपलब्ध होगा. रेंट पर ऑपरेशन थिएटर भी उपलब्ध कराया जाएगा. पैथोलॉजी के सभी उपकरण से लेकर के आईसीयू, एनआईसीयू की व्यवस्था रहेगी. इसले अलावा भी अन्य सुविधाएं और उपकरण किराए पर दिए जाएंगे.
किराए पर मिलेगा मेडिकल उपकरण: उद्घाटन मौके पर मौजूद भाजपा विधायक अरुण कुमार सिन्हा ने बताया कि यह पहली ऐसी संस्था है, जो मेडिकल उपकरण रेंट पर दे रहा है. इमरजेंसी के समय यह काफी फायदेमंद रहेगा. यहां सर्जिकल सुविधा से लेकर इमरजेंसी के समय वेंटीलेटर युक्त बेड सभी अस्थाई रूप से मुहैया कराया जा रहा है. ऐसे में यदि घर परिवार में डॉक्टर हैं या कोई फैमिली डॉक्टर है तो उसे यहां से सारी सुविधाएं रेंट पर मिलेंगी, जो एक हॉस्पिटल में मौजूद रहता है. ऐसे में उन्हें अस्पताल जैसा ही इलाज घर में मिल सकेगा.
बिहार को मिली अनोखी सुविधा: जदयू के प्रवक्ता और पूर्व विधान पार्षद रणवीर नंदन (JDU Spokesperson Ranveer Nandan) ने कहा कि हॉस्पिटल में इलाज के लिए जितने भी आवश्यक इक्विपमेंट्स होते हैं, वह तमाम इक्विपमेंट यहां भी उपलब्ध है. हॉस्पिटो केयर संस्था से लोग इसे रेंट पर ले सकते हैं. उन्होंने बताया कि यहां कई ऐसे इक्विपमेंट भी हैं, जो सामान्य रूप से कई हॉस्पिटल में भी नहीं मिलेंगे. ऐसे में हॉस्पिटल वाले भी यहां से रेंट पर ले सकते है. यह एक अनोखी सुविधा है जो बिहार के लोगों को आज से मिलने जा रही है.
आर्मी वेलफेयर में मुनाफे का 2.5 प्रतिशत: हॉस्पिटो केयर के डायरेक्टर कुमार अभिजीत ने बताया कि संस्था के मुनाफे का 2.5 प्रतिशत हिस्सा आर्मी वेलफेयर फंड में सालाना जमा किया जाएगा. उन्होंने बताया कि वह मेडिकल इक्विपमेंट का सेलिंग करते हैं. लेकिन अब यह सुविधा रेंटल बेसिस से शुरू कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसका विचार उन्हें तब आया जब उन्हें ऐसा लगा कि मध्यम वर्गीय परिवार में कोई लंबे समय के लिए बीमार पड़ता है तो वह महंगी मशीन खरीद नहीं सकता और ना लंबे समय तक हॉस्पिटल में नहीं रख सकते है.
सोर्स - etv bharat hindi
Rani Sahu
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