बिहार

Patna: बीते डेढ़ महीने में आलू और प्याज की कीमतों में डेढ़ से दोगुनी वृद्धि हुई

Admindelhi1
4 Jun 2024 5:42 AM GMT
Patna: बीते डेढ़ महीने में आलू और प्याज की कीमतों में डेढ़ से दोगुनी वृद्धि हुई
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पटना: राजधानी की मंडियों में आलू और प्याज की बढ़ती कीमतों से आम लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं. बीते डेढ़ महीने में आलू और प्याज की कीमतों में डेढ़ से दोगुनी वृद्धि हुई है. अप्रैल के पहले सप्ताह में थोक मंडियों में आलू की कीमतें 800 रुपये से 12 सौ रुपये प्रति क्विंटल और खुदरा मंडियों में आलू 12-13 रुपये किलो बिक रहा था. वहीं अब इसकी कीमत बढ़कर पटना की थोक मंडियों में दो हजार से सौ रुपये प्रति क्विंटल हो गया है. वहीं खुदरा मंडियों में आलू की कीमत 140 से 150 रुपये पसेरी ( रुपये से 35 रुपये प्रति किलो) हो गया है. आलू मंडी के थोक कारोबारी राम कुमार साव बताते हैं कि आलू आगरा, अलवर (राजस्थान), बंगाल और दिल्ली से पटना पहुंच रही है. मीठापुर मंडी में प्रतिदिन चार से पांच गाड़ियां और मुसल्लहपुर हाट बाजार समिति में प्रतिदिन दो गाड़ी आलू की आवक है. आलू-प्याज व्यवसायी संघ के अध्यक्ष आनंद रंजन ‘रिंकू’ बताते हैं कि बाजार समिति में महीने में बीते वर्ष 5 गाड़ी प्रतिदिन आलू की आवक थी, जो इस वर्ष घटकर दो गाड़ी रह गई है. इसलिए आलू की आवक पर काफी दबाव है.

कोल्ड स्टोरेज से आलू निकालेंगे कारोबारी आलू कारोबारी बताते हैं कि बाजार में लगातार बढ़ रहे आलू की कीमतों और आपूर्ति का दबाव देखते हुए प्रथम सप्ताह में कोल्ड स्टोरेज से आलू की आपूर्ति शुरू हो जाएगी. आम तौर पर जुलाई अंतिम सप्ताह या अगस्त पहले सप्ताह में कोल्ड स्टोरेज का आलू पटना में उतरता था. आलू कारोबारी आनंद बताते हैं कि इस वर्ष जनवरी-फरवरी में हुई बेमौसम की बारिश और ठंड के कारण आलू की फसल बर्बाद हुआ था.

अभी यह हाल है तो बारिश के मौसम जुलाई-अगस्त में आलू की कीमत और ज्यादा चढ़ सकती है.

खुदरा कारोबारियों के कारण रुला रहा है प्याज संघ: आलू प्याज व्यवसायी संघ के अध्यक्ष रिंकू बताते हैं कि खुदरा कारोबारी प्रति किलो 11 से 12 रुपये प्रति किलो का लाभ कमाने के कारण पटनावासियों को प्याज महंगा मिल रहा है. वे बताते हैं कि थोक भाव में खरीदारी के बाद शॉर्टेज, ट्रांसपोर्टेशन आदि लेकर प्याज पर प्रतिकिलो लागत डेढ़ से दो रुपये किलो आता है. इस पर दो से तीन रुपये किलो लाभ जोड़कर थोक भाव से पांच रुपये ज्यादा खुदरा बाजार में प्याज मिलना चाहिए था. लेकिन खुदरा कारोबारियों के लालच और सरकार द्वारा खुदरा मूल्य नियंत्रण को लेकर कोई कदम नहीं उठाने के कारण पटनावासी महंगा प्याज खाने को मजबूर हैं.

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