पटना: पहली पत्नी की रजामंदी के बगैर मुस्लिम कानून का हवाला देकर दूसरा निकाह करने पर पटना हाईकोर्ट ने आवेदक पति को न्यायकक्ष से ही सीधे जेल भेज दिया.
कोर्ट ने न्याय कक्ष में आवेदक के व्यवहार पर पहले उसे समझाने की पूरी कोशिश की, लेकिन कोई असर नहीं होता देख उसे गिरफ्तार करने का आदेश दिया. साथ ही उसे संबंधित निचली अदालत के न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करने को कहा. न्यायमूर्ति पूर्णेन्दु सिंह की एकलपीठ ने आवेदक मो. इरशाद कुरैशी की ओर से दायर अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया. यह मामला पूर्वी चम्पारण से संबंधित हैं. आवेदक की पत्नी ने परिवादपत्र दायर कर आरोप लगाया कि 31 जुलाई 2021 को मुस्लिम रीति रिवाज से उसका निकाह मो. इरशाद कुरैशी के साथ हुआ. बाद में पति सोने की चेन और अंगूठी की मांग करने लगे. मांग पूरी नहीं किये जाने पर घर से निकाल दिया. वहीं आवेदक पति का कहना था कि निकाह के माह बाद अल्ट्रा साउंड रिपोर्ट में 19 सप्ताह 4 दिन का गर्भ पाया गया. पति को निचली अदालत से अग्रिम जमानत नहीं मिलने पर हाईकोर्ट में केस दायर किया. हाई कोर्ट में आवेदक पत्नी को साथ रखने पर राजी हुआ. कोर्ट ने निचली अदालत में इस बात का शपथपत्र दायर करने का आदेश दिया. लेकिन पति हाई कोर्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चला गया.
सुप्रीम कोर्ट ने मामले को हाईकोर्ट भेज दिया:
कोर्ट में ही चिल्लाने लगा युवक, जज हुए नाराज: हाईकोर्ट ने जब मामले पर सुनवाई की तो आवेदक ने कोर्ट की गरिमा के खिलाफ चिल्लाने लगा और पत्नी को बदचलन बता उसे साथ रखने से इनकार कर दिया. यही नहीं उसने माना कि पहली पत्नी को तलाक दिये बैगर उसने दूसरा निकाह किया है. वह चिल्ला-चिल्ला कर कहने लगा कि किसी भी हालात में पहली पत्नी को अपने साथ नहीं रखेगा. कोर्ट ने आवेदक के इस बर्ताव पर हैरानी जताते हुए अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया.