बिहार

आयुष्मान कार्ड बनाने में पटना जिला सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर से भी पिछड़ा, नहीं मिल पा रहा 25 लाख लोगों को लाभ

Renuka Sahu
11 May 2022 4:35 AM GMT
Patna district is also backward than Sitamarhi and Muzaffarpur in making Ayushman card, 25 lakh people are not getting benefit
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फाइल फोटो 

कार्ड बनाने की सुस्त रफ्तार से पटना जिले के साढ़े 25 लाख से अधिक लाभुक आयुष्मान योजना का लाभ लेने से वंचित हो रहे हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कार्ड बनाने की सुस्त रफ्तार से पटना जिले के साढ़े 25 लाख से अधिक लाभुक आयुष्मान योजना का लाभ लेने से वंचित हो रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा पटना जिले में कुल 29 लाख लोगों की सूची बनाई गई है। तीन साल में मात्र 334331 लोगों का ही कार्ड अब तक बन पाया है।

पिछले वर्ष लांच हुई गोल्डन कार्ड योजना के तहत भी पटना जिला सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर जैसे जिलों से पिछड़ गया। 2021-22 में सीतामढ़ी में जहां 72063, मुजफ्फरपुर में 47694 कार्ड बने, वहीं पटना में मार्च 2022 तक 44317 और अप्रैल 2022 तक 46977 लोगों का ही गोल्डन कार्ड बने। जिले में कार्ड बनाने की सुस्त रफ्तार के कारण बड़ी संख्या में गरीब मरीजों को आयुष्मान योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
क्यों कार्ड बनने की रफ्तार है सुस्त
आयुष्मान के जिला परियोजना अधिकारी डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि पटना में आधार कार्ड के नाम से आयुष्मान कार्ड के नाम अथवा जन्म तिथि का मिलान नहीं होना भी कार्ड बनाने में बड़ी बाधा बन रहा है। नाम नहीं मिलने से सॉफ्टवेयर कार्ड बनाने की प्रक्रिया को रिजेक्ट कर देता है।
दूसरे लोगों में जागरूकता की कमी भी एक बड़ा कारण है। राशन कार्ड में नाम होने और आयुष्मान सूची में शामिल होने के बावजूद लाखों लोग कार्ड बनाने में उदासीनता बरत रहे हैं। जिले के अलग-अलग हिस्से में गोल्डन कार्ड बनाने के लिए कैंप भी लगाया जाता है। कई अस्पतालों में भी आयुष्मान कार्ड की जानकारी मिल सकती है। इसके अलावा सूची में नाम की जानकारी 14555 पर कॉल करके भी हासिल की जा सकती है।
दूसरी ओर पटना के वार्ड पार्षदों, जनप्रतिनिधियों का आरोप है कि आयुष्मान से जुड़े अधिकारियों की सुस्ती और कार्ड बनाने की जटिल प्रक्रिया की वजह से लाखों लोग इस योजना से वंचित हो रहे हैं।
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