Patna: विभाग का पोर्टल दो माह बाद भी नव व स्थायी संबंधन के लिए नहीं खुला
पटना: वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय और राज्य सरकार से आगामी सत्र से संबंधन लेने के लिए दो माह बाद भी कोई कॉलेज आवेदन नहीं कर सके हैं. कॉलेज के संबंधन को लेकर पंजीयन करने के लिए पोर्टल खुलने का इंतजार करते रहे और पोर्टल भी नहीं खुला. माह में भी कई दिन बीत गए, लेकिन संबंधन को ले आवेदन की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई.
आवेदन नहीं लिए जाने से कॉलेजों की परेशानी बढ़ गई है. खासकर वैसे कॉलेज, जिन्हें एक सत्र के लिए ही संबंधन मिला है. अगर ये कॉलेज आवेदन नहीं करते हैं, तो उनके संबंधन पर ब्रेक लग जाएगा. उन्हें फिर से नव संबंधन लेना होगा. वहीं अगले सत्र में उन कॉलेजों में एडमिशन भी नहीं हो पाएगा. मालूम हो कि करीब दस कॉलेज ऐसे हैं, जिन्हे स्थायी संबंधन और दीर्घीकरण को लेकर आवेदन करना है. उनके संबंधन की अवधि चालू सत्र तक ही है. अगले सत्र के लिए दीर्घीकरण की आवश्यकता है. इधर, स्थिति यह है कि राज्य सरकार का पोर्टल अब तक नहीं खुला है.
राज्य सरकार शिक्षा विभाग के पोर्टल पर नव संबंधन, दीर्घीकरण और स्थायी संबंधन की मांग करने वाले कॉलेजों आवेदन करना था. इधर, आवेदन करने का पोर्टल नहीं खुला. कॉलेजों ने दो माह तक पोर्टल खुलने का इंतजार किया है. पोर्टल नहीं खुलने से डिग्री कॉलेजों का प्रबंधन परेशान है. उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि वे अब करें तो क्या करें, क्योंकि पोर्टल पर आवेदन करना आवश्यक है. पोर्टल नहीं खुलने से वीर कुंवर सिंह विवि के अलावा अन्य विवि के कॉलेज भी आवेदन नहीं कर पाए हैं. वीकेएसयू संबंधन विभाग के अधिकारियों की मानें तो आवेदन नहीं करने वाले कॉलेज विवि का चक्कर लगा रहे हैं.
इस बार संबंधन की प्रक्रिया में हो चुका है विलंब बता दें कि शिक्षा विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन के बाद कॉलेजों को ऑफलाइन आवेदन की कॉपी विवि के संबंधन विभाग में जमा करना होता है. इसके बाद विवि की ओर से कॉलेजों के भौतिकी सत्यापन को ले कमेटी का गठन किया जाता है. हर वर्ष सितंबर माह में कमेटी बन जाती थी, लेकिन इस बार आवेदन नहीं होने से कमेटी भी नहीं बनी. इधर, हर बार अक्टूबर माह तक जांच प्रक्रिया पूरी हो जाती थी. मालूम हो कि आवेदन करने वाले कॉलेजों के प्रस्ताव पर विवि कमेटी गठित कर मापदंडों की जांच कराता है. इसके लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की जाती है. कमेटी की रिपोर्ट नवसंबंधन समिति में रखी जाती है. विवि स्तर पर संबंधन के लिए हर हाल में सिंडिकेट की बैठक कर लेनी होती है. सिंडिकेट की बैठक में कॉलेजों के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए सीनेट से अनुमोदन करा 15 जनवरी तक राज्य सरकार के शिक्षा विभाग को प्रस्ताव भेज देना रहता है.
संबंधन प्राप्त करना अब नहीं रहा आसान शिक्षा विभाग और विवि से अब संबंधन प्राप्त करना आसान नहीं रह गया है. ऑनलाइन आवेदन में जमा किये जाने वाले कागजात की गहनता से जांच की जा रही है. मानक पर पूरी तरह खरा उतरने वाले कॉलेजों को ही संबंधन मिल पा रहा है. बता दें कि पिछले सत्र यानी 2024-25 के लिए पांच नये कॉलेजों के संबंधन का प्रस्ताव विवि से शिक्षा विभाग भेजा गया था. इनमें मात्र दो कॉलेजों को ही संबंधन मिला. वहीं 12 कॉलेजों के स्थायी संबंधन का प्रस्ताव भेजा गया था. इनमें मात्र छह कॉलेजों को ही स्वीकृति मिली. इधर, सत्र 2023-24 में 21 कॉलेजों का प्रस्ताव भेजा गया था. इनमें एक दर्जन नव संबंधन वाले कॉलेज थे. इनमें मात्र आठ कॉलेजों को संबंधन मिला. चार कॉलेजों का मामला अस्वीकृत कर दिया गया. जानकारों की मानें तो जमीन, भवन, क्लास रूम, लैब आदि की गहनता से जांच की जा रही है. मापदंडों पर खरा नहीं उतरने वाले कॉलेज का प्रस्ताव ़खारिज कर दिया जा रहा है.