पटना: बिहार की न्यायिक सेवा में बेटियों का दबदबा लगातार बढ़ रहा है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 2024 में लगातार तीसरे साल बिहार की न्यायिक सेवा की परीक्षा में बेटियों ने पहला स्थान प्राप्त किया है. इस बार 32वीं न्यायिक सेवा की टॉपर हार्षिता सिंह बनी हैं.
वहीं, 31वीं की टॉपर भावना नंदा थीं. 30वीं न्यायिक सेवा में भी पटना विवि की छात्रा सिया श्रुति ने प्रथम स्थान प्राप्त किया था. बिहार लोक सेवा आयोग की 32वीं न्यायिक सेवा परीक्षा में बेटियों ने सफलता का पिछला सभी रिकार्ड तोड़ दिये. टॉप दस में नौ लड़कियां शामिल हैं. वहीं टॉप 20 में 16 महिलाएं हैं. महिलाओं का प्रदर्शन शानदार रहा है. पूरे रिजल्ट में भी 75 महिलाओं का चयन किया गया है. यह कुल सफल प्रतिभागियों का 50 प्रतिशत है. इसके पहले 31वीं न्यायिक सेवा की परीक्षा में टॉप टेन में चार और टॉप 20 में 8 बेटियों ने जगह बनाई थी. इसमें कुल 214 अभ्यर्थियों का रिजल्ट जारी था. इसमें 30 फीसदी महिला अभ्यर्थी सफल रही थीं.
दूसरी तरफ 30वीं बिहार न्यायिक सेवा में पटना विश्वविद्यालय की प्रथम वर्ष की छात्रा सिया श्रुति प्रथम स्थान प्राप्त की थी. टॉप-10 में दोनों छात्राएं पटना विश्वविद्यालय की थी. 10वीं रैंक सनम हयात को मिली थी. टॉप 20 में छह बेटियां जगह बनाने में सफल हुई थी.
349 अभ्यर्थियों में 100 से अधिक बेटियों का चयन हुआ था. चाणक्या नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी का दावा है कि उनके 60 छात्रों का चयन हुआ है, जिनमें 30 लड़कियां हैं. इस बाबत पटना विश्वविद्यालय के विधि विभाग के डीन प्रो. योगेन्द्र वर्मा ने लड़कियों की सफलता पर कहा कि लड़कियां अपने कॅरियर के प्रति संवेदनशील होती हैं. समाज में लड़कियों को आगे बढ़ने का पूरा मौका दिया जा रहा है. सामाजिक संरचना में बदलाव आया है. इससे बेटियां आगे बढ़ रही हैं. सभी क्षेत्रों में बेहतर करने के साथ ही न्यायिक सेवा में भी लड़कियां बेहतर कर रही हैं. आगे और बेहतर की उम्मीद है.