पटना: कंकड़बाग थाना इलाके के चिरैयांटाड़ पेट्रोल पम्प के पास गाड़ी साइड करने को लेकर यातायात के सिपाही ने पहले गाली दी. आरोप है कि गाली देने का विरोध करने पर सिपाही ने गाड़ी सवार की बेरहमी से पिटाई कर दी, जिससे उसका पैर टूट गया. पीड़ित ने इलाज कराने के बाद इसकी लिखित शिकायत थाने से लेकर पुलिस के वरीय अधिकारियों से की है.
कंकड़बाग थाना इलाके के सुंदर पथ निवासी आशित जिंदल ने थाने में आवेदन देकर कहा है कि वह अपने मित्रों के साथ की शाम मार्केटिंग कर वापस अपने घर गाड़ी से लौट रहे थे. उसी दौरान चिरैयांटाड़ पेट्रोल पम्प के समीप तैनात यातायात पुलिस के सिपाही ने गाड़ी साइड करने के लिए कहा. पीड़ित का आरोप है कि भीड़ के कारण गाड़ी साइड करने में थोड़ी देर हुई तो सिपाही ने गाली दे दी. पीड़ित ने इसका विरोध किया तो सिपाही ने डंडे से मारा जिससे उनका पैर टूट गया. इसके बाद उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया. कंकड़बाग थानेदार नीरज कुमार ठाकुर ने बताया कि आवेदन मिला है. घटना की जांच के लिए वहां लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है. जांच के बाद षी के विरुद्ध नियामानुसार कार्रवाई की जाएगी.
बाढ़-सुखाड़ प्रभावितों तक जल्द पहुंचे मदद आयुक्त
आयुक्त कुमार रवि ने बाढ़ और सुखाड़ की आशंका को देखते हुए बेहतर तैयारी का निर्देश दिया है. प्रमंडल के सभी डीएम को निर्देश भेज दिया गया. उन्होंने कहा कि त्रुटिरहित आपदा प्रबंधन के लिए अन्तर्विभागीय समन्वय, सतर्कता एवं सजग रहने और तैयारी रखने की आवश्यकता है.
उन्होंने सभी पदाधिकारियों को आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से निर्गत मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का अनुपालन करने को कहा. वर्षापात, बाढ़ एवं सुखाड़ का पंचायत-स्तरीय अनुश्रवण करने और आपदा के समय सरकार के निर्देशों के अनुसार प्रभावित व्यक्तियों को अनुग्रह अनुदान एवं अन्य योजनाओं का लाभ मिल सके इसके लिए उन्होंने सभी प्रशासनिक तंत्र को सजग रखने के निर्देश दिए. आयुक्त ने कहा कि आपदा प्रबंधन के लिए विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों के बीच समन्वय और बेहतर संवाद रखना होगा. प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य, पीएचईडी, जल संसाधन, पशु एवं मत्स्य, लघु जल संसाधन, ऊर्जा सहित विभिन्न विभागों को को सजग रहने को कहा गया है.
हो रही नियमित समीक्षा मालूम हो कि आयुक्त की ओर से बाढ़ एवं सुखाड़ से निपटने के लिए सभी जिलों की तैयारियों की नियमित समीक्षा की जा रही है. वर्षा मापक यंत्र एवं दैनिक वर्षापात आंकड़ों का त्वरित प्रेषण, तटबंधों की सुरक्षा, संसाधनों की उपलब्धता, संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों एवं संकटग्रस्त व्यक्ति, समूहों की पहचान, बाढ़ शरण स्थल, दवा की उपलब्धता, पशुचारा, पशुदवा एवं पशु चिकित्सा शिविर की व्यवस्था, गोताखोरों का प्रशिक्षण, बचाव दल का गठन, मॉकड्रिल,नाव, लाइफ जैकेट, मोटरबोट की व्यवस्था, सड़कों की मरम्मत, जेनेरेटर सेट और महाजाल की व्यवस्था आदि समेत कई अन्य बिन्दुओं पर तैयारी रखने का निर्देश दिया है.