बिहार

Patna: साइबर ठगी के पैसे रिफंड करने 5 जिले अव्वल

Admindelhi1
13 Jun 2024 9:13 AM GMT
Patna: साइबर ठगी के पैसे रिफंड करने 5 जिले अव्वल
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पटना: साइबर अपराध के विरुद्ध कार्रवाई और साइबर ठगी के पैसे रिफंड करने (लौटाने) के मामले में सारण औरंगाबाद, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी और सहरसा भी शीर्ष जिलों में शामिल हैं.

वहीं सुपौल, शिवहर, नवगछिया, किशनगंज और खगड़िया जैसे जिले Cyber ​​Crime के विरुद्ध कार्रवाई के मामले में सबसे फिसड्डी हैं. जिन जिलों का प्रदर्शन खराब रहा है, उन्हें भविष्य में बेहतर कार्रवाई का निर्देश दिया गया है. वहीं, शीर्ष जिलों ने 15 लाख 4 हजार 246 रुपये पीड़ितों को वापस भी किया है. मिली जानकारी के अनुसार, आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने अप्रैल में साइबर अपराध के विरुद्ध कार्रवाई को लेकर की गई समीक्षा के बाद यह जिलावार रैंकिंग जारी की है. साइबर अपराध की शिकायतों के मुकाबले प्राथमिकी का प्रतिशत, कुल गिरफ्तारी, रिफंड का प्रतिशत और रिफंड की कार्रवाई से संबंधित कांडों की संख्या के आधार पर समीक्षा कर रैंकिंग जारी की गई है.

ईओयू के अनुसार, सारण साइबर थाने के द्वारा दस लाख की राशि पीड़ित को वापस कराई गई है, जो सभी जिलों में सर्वाधिक रही है. इसके अलावा दर्ज प्राथमिकी एवं साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी में भी सारण का प्रदर्शन सबसे बेहतर रहा. औरंगाबाद साइबर थाने ने लाख हजार 680 रुपये का रिफंड कर दूसरा स्थान हासिल किया. मुजफ्फरपुर साइबर थाने ने 14 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया जो सभी जिलों में सर्वाधिक है. इसके अलावा दस हजार की राशि रिफंड कराई गई, उसकी रैंकिंग तीसरी रही. चौथे स्थान पर रहे सीतामढ़ी साइबर थाने ने 39 हजार 830 रुपये, जबकि वें स्थान पर रहे सहरसा साइबर थाने ने 50 हजार 736 रुपये पीड़ितों को रिफंड कराए.

हठधर्मिता के कारण स्कूलों में छुट्टी नहीं हो रही तेजस्वी: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि बिहार में NDA Government की हठधर्मिता के कारण भीषण गर्मी में विद्यालय खोलने से छात्र-छात्राओं और शिक्षकों की मौत की खबर है. सोशल मीडिया पर जारी बयान में उन्होंने कहा कि विपक्ष के दबाव में दिन पहले स्कूल बंद किए गए, लेकिन फिर इस जानलेवा गर्मी में शिक्षकों को स्कूल आने के कड़े निर्देश दिए गए हैं.

नेता प्रतिपक्ष ने सवाल किया कि जब छात्र ही स्कूल में नहीं रहेंगे तो शिक्षक क्या करेंगे? इस भीषण गर्मी में शिक्षकों को अवश्य छुट्टी देनी चाहिए. कहा कि बिहार की एनडीए सरकार शिक्षकों के प्रति ऐसे अमानवीय निर्णय क्यों ले रही है? पूरा मंत्रिमंडल वातानुकूलित कमरों में आराम फरमा शिक्षकों की जान लेने पर आमादा क्यों है?

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