टीबी की दवा की आपूर्ति समुचित तरीके से नहीं होने से रोगी परेशान
कटिहार: टीबी रोग मुक्त जिला 2025 तक बनाने का सरकारी लक्ष्य है. मगर टीबी की दवा की आपूर्ति समुचित तरीके से नहीं होने से विभागीय अधिकारियों की मानसिक परेशानी बढ़ गई है. सनद रहे कि टीबी का जांच की प्रकिया बढ़ने के कारण के हर 30 दिन पर 500 टीबी के नये रोगी मिल रहे हैं. इस कारण दवा की खपथ बढ़ गई है.
मगर जिस अनुपात में टीबी की दवा की खपत जिले में है. उस अनुपात में दवा की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. कभी भागलपुर, लखीसराय, दरभंगा से दवा की आपूर्ति कराने का प्रयास किया जा रहा है. दवा आपूर्ति की यह व्यवस्था पिछले कई माह से चल रहा है. अभी 2700 टीबी रोगी हैं.
भागलपुर से मिली 125 स्ट्रिप टीबी की फोरएफडीसी की दवा पिछले कुछ दिनों से बारसोई, अमदाबाद, मनिहारी, बलरामपुर आदि प्रखंडों में दवाओं की काफी कमी थी. मगर े भागलपुर से 126 स्ट्रिप दवा आपूर्ति हो पायी है. इन दवाओं को संबंधित प्रखंडों के रोगियों को उपलब्ध कराया गया है. साथ ही फलका और आजमनगर में मौजूद दवा को मंगवाकर दूसरे प्रखंडों के रोगियों को दिया गया है. मगर केवल 20 से 30 दिन तक ही दवा उपलब्ध कराया गया है. इसके बाद दवा नहीं मिलने पर फिर परेशानी होगी.
टीबी की दवा उपलब्ध नहीं थी. भागलपुर से 126 स्ट्रिप दवा मिली है. जिन प्रखंडों में दवा नहीं थी, वहां पर एजडस्ट कर भेजा गया है. सरकारी अस्पतालों के टीबी रोगियों को माह तक फोरएफडीसी दवा की कमी नहीं होगी. थ्रीएफडीसी दवा नहीं है. निजी अस्पतालों में डिटेक्ट हुए 250 टीबी रोगियों को दवा उपलब्ध कराने में परेशानी हो रही है.
-डॉ. अशरफ रिजवी,जिला संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी, कटिहार.
फिक्स डोज कंबीनेशन वाली दवा नहीं
सरकारी अस्पतालों में टीबी के थ्रीएफसीडी यानि दवा वाली फिक्स डोज कंबीनेशन वाली दवा की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. इससे इस प्रकार की दवा नहीं रहने से रोगियों को नहीं दिया जा रहा है.
तक दरभंगा से आयेगी 300 स्ट्रिप दवा विभाग ने बताया कि दरभंगा से टीबी की दवा कटिहार को आपूर्ति होती है. मगर पिछले कुछ दिनों से दरभंगा से दवा समुचित मात्रा में नहीं दी जा रही है. वहां से बताया जा रहा है कि टीबी की दवा की आपूर्ति दिल्ली से की जाती थी. मगर वहां से भी नहीं मिल पा रही है.