बिहार

सदर अस्पताल में ईनएटी के डॉक्टर नहीं रहने से बैरंग वापस लौट रहे मरीज

Admindelhi1
28 May 2024 4:11 AM GMT
सदर अस्पताल में ईनएटी के डॉक्टर नहीं रहने से बैरंग वापस लौट रहे मरीज
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हर रोज जिले के दूर-दराज के गांवों से आने वाले से 30 मरीज ओपीडी से बैरंग वापस लौट रहे हैं

कटिहार: सदर अस्पताल में विगत दो वर्षों से नाक, कान, गला के मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है. प्राय हर रोज जिले के दूर-दराज के गांवों से आने वाले से 30 मरीज ओपीडी से बैरंग वापस लौट रहे हैं. पहले अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर की पदस्थापना नहीं हुई थी. इधर,एक महीने पूर्व डॉक्टर सरताज आलम की पदस्थापना हुई है. लेकिन,वे फिलहाल बिना सूचना के गायब हैं.

ओपीडी में इलाज के पहुंचे मांझा के धर्मपरसा गांव के सर्फुद्दीन ने बताया कि उनके कान में भयंकर दर्द है. लेकिन,यहां डॉक्टर नहीं रहने की वजह से बैरंग वापस लौट रहे हैं. प्राइवेट में इलाज कराने के लिए उनके पास रुपए नहीं है. उधर,बसडिला गांव के विशाल यादव ने बताया कि उनके नाक में जलन है. रात को सांस लेने में भी दिक्कत होती है. लेकिन,ओपीडी में इलाज के लिए डॉक्टर नहीं हैं. गौरतलब है कि सदर अस्पताल में रोजाना करीब 800 से 900 मरीज ओपीडी में अपना उपचार करवाने के लिए अलग-अलग डॉक्टरों के पास आते हैं. लेकिन ईएनटी डॉक्टर नहीं रहने के कारण अस्पताल में इलाज नहीं हो पता रहा है. सदर अस्पताल में लगातार बेहतर सेवा देने के वायदे किए जा रहे हैं,लेकिन आज भी सदर अस्पताल में कहीं न कहीं डाक्टरों की कमी बनी हुई है.

सदर अस्पताल में ईएनटी के डॉक्टर सरताज आलम की पदस्थापना है. लेकिन, वे कुछ दिनों से नहीं आ रहे हैं. सदर अस्पताल में इलाज की कोई दूसरी व्यवस्था ईएनटी के लिए नहीं है.

-डॉ. शशि रंजन,डीएस

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