पटना: अस्पतालों में वायरल सर्दी-खांसी, बुखार, टायफाइड, आंखों में वायरल कंजक्टिवाइटिस, डायरिया आदि बीमारियों का प्रकोप ज्यादा दिख रहा है. अस्पतालों की ओपीडी में आने वाले लगभग 50 प्रतिशत मरीज इन मौसमी बीमारियों से पीड़ित रह रहे हैं. सामान्य मेडिसिन, टीबी और छाती रोग, चर्म रोग, गैस्ट्रोलॉजी, नेत्र रोग से लेकर शिशु रोग विभाग में आने वाले आधे से अधिक मरीज इन बीमारियों से पीड़ित रह रहे हैं. पीएमसीएच ओपीडी में 2100 मरीज अलग-अलग विभागों में पहुंचे. इनमें से 900 से एक हजार मरीज मौसमी वायरल बीमारियों और चर्म रोग से पीड़ित थे.
पीएमसीएच के मेडिसिन विभाग के वरीय चिकित्सक डॉ. राजन कुमार, डॉ. पीएन झा तथा आईजीआईएमएस के डॉ. मनोज कुमार चौधरी, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनील कुमार, क्षेत्रीय चक्षु संस्थान के हेड डॉ. विभूति प्रसन्न सिन्हा ने बताया कि अगस्त में भी अचानक तेज धूप और बारिश के कारण मौसम में काफी उमस और गर्मी की स्थिति है. जितना तेजी से वातावरण ठंडा-गर्म होता है, शरीर उतना तेजी से सामंजस्य नहीं बैठा पाता है. यह मौसम वायरस जनित बीमारियों के लिए भी अनुकूल है. ऐसे में सर्दी, खांसी, बुखार और डायरिया जैसी बीमारी महामारी का रूप ले रही है. डॉ. विभूति ने बताया कि पिंक आई का प्रकोप दोबारा बढ़ा है.
डब्ल्यूएचओ ने चेताया
डॉ. राजन ने बताया कि वैश्विक स्तर पर मौसम में बदलाव को लेकर बीमारियों के संकेत मिले हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी मौसम के दुष्प्रभावों को लेकर हाल ही में चेताया है. मौसम में उतार-चढ़ाव के कारण ही अब तक डायरिया, पेट में संक्रमण व अन्य बीमारियों का प्रकोप जारी है. उन्होंने एसी को रूम के तापमान के अनुसार चलाने, फ्रिज का ठंडा पानी, कोल्ड ड्रिंक्स, आइसक्रीम, बाजार में ठेला-खोमचा पर खाना, कटे-फल और देर से कटे फल के जूस का सेवन नहीं करने की सलाह दी. ताजा और गर्म खाना, हल्का भोजन, फलों व हरी पत्तेदार सब्जियों के सेवन की सलाह दी.