बक्सर: अनुमंडल अस्पताल में बेडसीट एवं अन्य कपड़ों की धुलाई दो सप्ताह से बंद रहने के चलते मरीजों को बगैर बेडसीट के ही बिस्तर पर रहना पड़ रहा है. जिससे मरीजों के बीच संक्रमण की भय बना हुआ है. अस्पताल के कपड़ों की धुलाई विगत एक से ही बंद है.
जानकारी के अनुसार एनजीओ के माध्यम से काम करने वाले धोबी का लगभग 40 हजार रुपया बकाया है. अस्पताल के गोदाम में जो भी बेडसीट थे, सबका उपयोग हो चुका है. प्रयोग किए गए बेडसीट विभिन्न वार्डों में रखे गए हैं. जिसके चलते मरीजों को अपना बेडसीट का उपयोग करना पड़ रहा है. बता दें कि, अनुमंडलीय अस्पताल में तीन धोबी को रखकर धुलाई का काम कराना है. लेकिन, एनजीओ की ओर से सिर्फ एक धोबी को रखा गया है. उसे भी एनजीओ द्वारा नियमित भुगतान नहीं किया जाता है. कार्यरत धोबी राजाराम ने बताया की हर दिन बेडसीट बदला जाता है. सफाई के एवज में प्रतिमाह दस हजार रुपया भुगतान किया जाता है. लेकिन, चार माह से भुगतान बंद है. इस मामले में डीएस के हस्तक्षेप के बाद हजार रुपये का भुगतान किया गया है. डीएस डॉ. गिरीश कुमार सिंह ने बताया कि एनजीओ की मनमानी के खिलाफ सीएस से लेकर उच्च अधिकारियों को सूचना दी गई है.
लक्ष्य अनुरूप सीएमआर जमा नहीं होने पर असंतोष: कलेक्ट्रेट परिसर में डीएम अंशुल अग्रवाल की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में सीएमआर अधिप्राप्ति की समीक्षा की गई. बैठक में लक्ष्य के अनुरूप सीएमआर (चावल) जमा नहीं किए जाने पर डीएम ने असंतोष जताते हुए राज्य खाद्य निगम के जिला प्रबंधक को निर्देश दिया गया कि वैसे मिलर जो लक्ष्य के अनुरूप चावल जमा नहीं कर रहे हैं.
उनसे स्पष्टीकरण के साथ उन्हें भविष्य में कार्य से वंचित करने और काली सूची में नाम डालने की कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया. वहीं, जिला सहकारिता पदाधिकारी को सभी समितियों से खरीदे गए धान की मात्रा के अनुरूप सम्बद्ध मिलों से चावल प्राप्त कर राज्य खाद्य निगम में लक्ष्य के अनुरूप जमा कराने का निर्देश दिया गया. वहीं, अपर समाहर्ता को मिलरों के साथ बैठक कर लक्ष्य के अनुरूप सीएमआर जमा कराने को लेकर आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया. जिला सहकारिता पदाधिकारी ने विभाग से प्राप्त निर्देश के आलोक में रबी विपणन मौसम 24-25 अंतर्गत गेहूं खरीद करने हेतु समितियों का चयन करने का अनुरोध करते हुए सूची उपलब्ध कराई.
जिस पर पदाधिकारियों ने गेहूं क्रय करने लिए सूची का अनुमोदन किया. गेहूं खरीद के लिए 15 से 15 जून तक समय निर्धारित किया गया है. डीएम ने जिला सहकारिता पदाधिकारी किसानों के बीच प्रचार-प्रसार करने का निर्देश दिया. बैठक में अपर समाहर्ता (विभागीय जांच), जिला आपूर्ति पदाधिकारी, जिला सहकारिता पदाधिकारी, राज्य खाद्य निगम के जिला प्रबंधक सहित अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे.