बिहार

जिले में आयुष्मान योजना का मरीजों को नहीं मिल रहा लाभ

Admin Delhi 1
10 May 2023 9:55 AM GMT
जिले में आयुष्मान योजना का मरीजों को नहीं मिल रहा लाभ
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मोतिहारी: जिले में प्रधान मंत्री आयुष्मान भारत योजना विभागीय उदासीनता की भेंट चढ़ती जा रही है . एक तो 25 लाख में मात्र ढाई लाख लोगों का गोल्डेन कार्ड बना है. वहीं, विभागीय उदासीनता के कारण योजना के तहत डॉक्टरों के क्लिनिक व नर्सिंग होम के चयन में शिथिलता के करण करीब 8 साल में जिला में मात्र 4 नर्सिंग होम का ही चयन हो सका है.

हालत यह है कि विगत 4 अप्रैल को 5 और नर्सिंग होम के चयन के लिए निरीक्षण की तिथि रखी गयी थी, मगर नहीं हो सका. जिससे गोल्डन कार्ड धारकों को भी दूसरी बीमारी के इलाज के लिए निजी नर्सिंग होम की सुविधा नहीं मिल पा रही.

पांच नर्सिंग होम ने दिया है आवेदन दिया बताया जाता है कि आयुष्मान भारत से जुड़ने के लिए नये 5 नर्सिंग होम ने आवेदन दिया है. आयुष्मान कार्यालय से इन सभी का कागजात तैयार कर निरीक्षण के लिए 4 अप्रैल की तिथि रखी गयी थी. इन नर्सिंग होम में उज्जवल सेवा सदन बंगाली कॉलोनी, हॉस्पिटल रोड स्थित डाक्टर मेजर एबी सिंह आई हॉस्पिटल, चन्द्र हॉस्पिटल, सरयू हॉस्पिटल, नेपाल आई हॉस्पिटल सहित अन्य हैं. इसके निरीक्षण के लिये बोर्ड बनाया गया है. जिसमें प्रशासनिक अधिकारी सहित डॉक्टर हैं. मगर हालत यह है कि यह सब न एक बार इक्कट्ठा होते हैं और न निरीक्षण होता है. जिसका प्रभाव मरीज के इलाज पर पड़ रहा है. बताते हैं कि आयुष्मान भारत के तहत डाक्टरों के नर्सिंग होम, जांच घर से लेकर सभी सरकारी अस्पताल को जोड़ना है. निजी नर्सिंग होम वहीं जुटेंगे जिन्होंने नर्सिंग होम एक्ट के तहत निबन्धन कराया है. बताया जाता है कि आयुष्मान भारत में अधिक विभागीय फॉर्मिलिटी के कारण अधिकांश नर्सिंग होम जुड़ना भी नहीं चाहते हैं. जो जुड़ना भी चाहते हैं उन्हें योजना से जोड़ने में विभाग शिथिल है. यही कारण है कि जिला में अभी तक मात्र चार नर्सिंग होम का ही आयुष्मान के तहत निबन्धन हो सका है. जानकर बताते हैं कि हार्ट,आंख, मधुमेह, हड्डी रोग, फिजियोथेरॉपी सहित कई प्रकार की बीमारी से लोग ग्रसित हैं. शिशुरोग भी चरम पर है.

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