बिहार

जलापूर्ति व्यवस्था ठप हो जाने से इधर-उधर भटक रहे हैं मरीज और उनके परिजन

Admin Delhi 1
28 July 2023 12:15 PM GMT
जलापूर्ति व्यवस्था ठप हो जाने से इधर-उधर भटक रहे हैं मरीज और उनके परिजन
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दरभंगा न्यूज़: डीएमसीएच में पीने के पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. खासकर ओपीडी और गायनी विभाग में आने वाले मरीजों को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ओपीडी में मरीजों की भीड़ उमड़ी थी. भीषण गर्मी और उमस से बीमारों की संख्या लगातार बढ़ रही है.

वायरल फीवर, दमा, सर्दी-खांसी, गले में खराश, चर्म रोग आदि से पीड़ित सैकड़ों मरीज इलाज के लिए रोज पहुंच रहे हैं. शाम तक ओपीडी के विभिन्न विभागों में 1700 से अधिक मरीजों का इलाज किया गया. निबंधन काउंटर के सर्वर को दुरुस्त किए जाने से वहां के सभी कंप्यूटर काम कर रहे थे. इस वजह से कर्मियों और मरीजों ने राहत की सांस ली. हालांकि ओपीडी में भीषण गर्मी रहने की वजह से मरीजों के बीच परेशानी देखी गई. वहां के वाटर कूलर के खराब रहने से मरीज प्यास से बिलबिलाते रहे.

ओपीडी में मेडिसिन विभाग के बरामदे में मिशन परिवर्तन के दौरान लगाए गए नए वाटर कूलर से जलापूर्ति कई दिनों से ठप है. कई मरीज प्यास बुझाने वाटर कूलर के सामने पहुंचे, पर उसमें से गंदा पानी निकालते देख वे व्यवस्था को कोसते हुए वहां से लौट गए. वहीं दूसरी ओर इमरजेंसी में भी काफी संख्या में इलाज के लिए मरीज पहुंचे. प्रवेश गेट पर लगाए गए वाटर कूलर से स्वच्छ व शीतल जल निकलने की उम्मीद में कई लोग प्यास बुझाने वहां पहुंचे. कूलर का हाल बेहाल रहने के कारण उन्हें भी मायूस होना पड़ा. पिछले कई दिनों से वाटर कूलर से स्वच्छ जल के बजाय गंदा पानी निकल रहा है. बावजूद इसके उन्हें दुरुस्त कराने की दिशा में कोई कारवाई नहीं की जा रही है. दोनों वाटर कूलर केवल वहां की शोभा बढ़ा रहे हैं.

उधर, गायनी विभाग में भी शुद्ध पेयजल के लिए त्राहिमाम मचा हुआ है. विभागीय परिसर में जलापूर्ति व्यवस्था के ठप हो जाने से मरीज व परिजन पानी के लिए इधर उधर भटक रहे हैं. भीषण गर्मी और उमस में प्यास बुझाने के लिए उन्हें घोर मशक्कत करनी पड़ रही है. दर्जनों परिजन हाथ में बोतलें लेकर पेयजल के लिए इधर-उधर भटक रहे थे. इधर कैंटीन के नल से पानी लेने के लिए लोगों की लाइन लगी थी तो कई लोग निर्माणाधीन सर्जिकल भवन परिसर में स्थित सबमर्सिबल बोरिंग से पानी लेने का प्रयास कर रहे थे. हालांकि वहां पानी लेने से मना कर दिए जाने के बाद दर्जनों लोग किसी दुरुस्त चापाकल ढूंढने के प्रयास में लग गए.

गायनी विभाग में जहां ढेड़ सौ से अधिक मरीज इलाजरत हैं, वहां उन्हें प्यास बुझाने के लिए पानी तक नसीब नहीं होना वहां की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं. गायनी विभाग परिसर में अधिकतर चापाकल सूख चुके हैं. वाटर कूलर शोभा की वस्तु बने हुए हैं. भीषण गर्मी में पेयजल के अभाव में हाहाकार मचा हुआ है.

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