बिहार

Pathlaghat लखीसराय पुल निर्माण समिति की बैठक आयोजित

Gulabi Jagat
25 July 2024 10:42 AM GMT
Pathlaghat लखीसराय पुल निर्माण समिति की बैठक आयोजित
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Lakhisaraiलखीसराय। पथलाघाट लखीसराय पुल निर्माण समिति की बैठक शिवनंदन पंडित की अध्यक्षता में स्थानीय गायत्री मंदिर प्रांगण में आयोजित किया गया।‌ बैठक के दौरान उपस्थित लोगों की ओर से पथलाघाट लखीसराय से क्यूल तक आवागमन के लिए किउल डायवर्सन एप्रोच पुलिया सड़क का निर्माण करवाए जाने को लेकर सरकार एवं प्रशासन से मांग की गई । वरना बाध्य होकर जिलाधिकारी सहित संबंधित प्रशासन को सूचित कर एवं सघन प्रचार प्रसार कर धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया। इसके पूर्व सत्ता एवं विपक्ष के तमाम जन प्रतिनिधियों को भी इस पुलिया सड़क निर्माण की मांग से अवगत कराए जाने का प्रस्ताव पारित किया गया। इस बीच संबंधित मामलों की सूचना जिला प्रशासन से लेकर राज्य एवं केन्द्र सरकार तक अवगत कराए जाने के भी विचार व्यक्त किए गए।बैठक में अधिवक्ता बालेश्वर यादव, अविनाश कुमार यादव,
त्रिवेणी पांडेय ,दि
नेश राम चंद्रवंशी, योगेंद्र प्रसाद यादव, मनोज कुमार, अबोध कुमार, गौरव कुमार, नागेश्वर तांती, रितेश कुमार सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे।
विदित हो कि लखीसराय एवं किउल रेलवे स्टेशन से आवागमन के लिए लोगों को संकटकालीन रेलवे फुट पाथी ब्रिज के सहारे आवागमन करनी होती है । तो गर्मी के दिनों में लोग किउल नदी में बने लखीसराय क्यूल डायवर्सन अप्रोच सड़क के सहारे आवागमन करते हैं। गौरतलब हो कि इस रास्ते से सूर्यगढ़ा ,कजरा ,चानन सहित अन्य इलाकों के लोगों को आवागमन में काफी सहूलियत होती है । इस बीच किउल नदी में बरसाती पानी का प्रवेश करने के बाद क्यूल से लखीसराय जिला मुख्यालय तक पहुंचने में लोगों को लगभग 7 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करनी होती है। इस दौरान जन सामान्य को सड़क जाम की भी समस्याओं का सामना करना होता है। जिससे चानन , सूर्यगढ़ा ,कजरा एवं किउल के लोगों को क्यूल से लखीसराय आवागमन करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है । इस बीच लखीसराय एवं किउल के बीच रेल यात्रियों को भी विभिन्न ट्रेनों से आगमन करने के पश्चात इन समस्याओं का सामना करना पड़ता है । बावजूद राज्य एवं केंद्र सरकार की ओर से लखीसराय से किउल के बीच डायवर्सन अप्रोच पुलिया निर्माण के कार्य अधर में लटके हैं । साथ ही विभिन्न राजनेताओं के द्वारा इन मामलों को लेकर लगातार ही जुमलेबाजी का दौर चलते रहा है। जिससे जनता त्राहि माम में जीवन बसर करने को बाध्य है।
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