जमशेदपुर न्यूज़: टाटानगर में दो पैसेंजर ट्रेनों को दक्षिण पूर्व जोन ने एक्सप्रेस बना दिया. इससे यात्रियों पर किराये का बोझ बढ़ गया है. लेकिन पैसेंजर से एक्सप्रेस बनने वाली ट्रेनों का ठहराव कम नहीं हुआ. इससे यात्रियों को एक्सप्रेस बनकर दौड़ रही ट्रेनों से गंतव्य तक पहुंचने में आज उतना समय लग रहा है, जितना पैसेंजर ट्रेनों के किराये पर लगता था.
इसके अलावा लाइन क्लियर नहीं होने के कारण पैसेंजर से एक्सप्रेस बनी ट्रेनों को ज्यादात्तर आउटर पर रोक दिया जाता है. इससे स्टेशन पहुंचकर भी लेट होने वाली ट्रेनों के यात्री परेशान हैं. दूसरी ओर झाड़ग्राम-धनबाद मेमू ट्रेन को एक्सप्रेस बनाने के बावजूद रेलवे ने कोच नहीं बदला है.
दक्षिण पूर्व जोन में पैसेंजर ट्रेनों को एक्सप्रेस बनाने की घोषणा जून 2020 में हुई थी. इससे टाटानगर से इतवारी पैसेंजर और बिलासपुर पैसेंजर को एक साथ एक्सप्रेस बनाया गया. इधर, टाटानगर से गुजरने वाली झाड़ग्राम-धनबाद मेमू को एक्सप्रेस बनी थी. लेकिन कोरोना के कारण ट्रेनें नहीं चल रही थीं. ट्रेन जैसे ही पटरी पर लौटी, वैसे यात्रियों पर किराया का बोझ बढ़ गया.
स्टेशन पुस्तिका में शिकायत दर्ज
ट्रेनों की लेटलतीफी से परेशान बड़बिल पैसेंजर के यात्री संजय मजूमदार ने 28 जनवरी को टाटानगर स्टेशन पुस्तिका में शिकायत दर्ज कराई थी. यात्री के अनुसार रेलवे पैसेंजर ट्रेन को एक्सप्रेस बनाकर यात्रियों से ज्यादा किराया वसूल रही है. लेकिन स्पीड में सुधार नहीं किया न ही ठहराव में कमी हुई, जो गलत है. रेलवे को समय से ट्रेन चलाने पर ध्यान देना चाहिए. दिसंबर में कुर्ला व उत्कल एक्सप्रेस के दो यात्रियों ने लेटलतीफी में सुधार की मांग को लेकर स्टेशन पुस्तिका में शिकायत दर्ज कराया थी.