सरकारी भुगतान पर ठेकेदारों से जीएसटी न वसूलने वाले पंचायत सचिवों पर गिरेगी गाज
भागलपुर: बिहार के सभी 8053 पंचायतों में होने वाले विकास कार्यो के लिए ठेकेदारों को सरकारी भुगतान पर दो प्रतिशत जीएसटी की कटौती नहीं करने वाले पंचायत सचिवों पर गाज गिरेगी. जीएसटी नहीं काटने व काटने के बाद राशि जमा नहीं करने पर उन पर पेनाल्टी लगाया जाएगा. यह कटौती वेंडरों को वैसे ही सरकारी भुगतान में की जाएगी, जिसमें 2.5 लाख रुपये या उससे अधिक का भुगतान किया जाएगा.
वाणिज्य-कर विभाग ने पंचायतीराज विभाग के सहयोग से सभी पंचायत सचिवों को इस संबंध में आवश्यक जानकारी एवं प्रशिक्षण प्रदान किया गया है. विभाग द्वारा इसके लिए सभी जिलों में वाणिज्य-कर के एक-एक नोडल पदाधिकारी तैनात किए गए है ताकि पंचायत सचिवों को जागरूक करते हुए निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी के रुप में वेंडरों को सरकारी भुगतान करने के पहले ही टीडीएस की कटौती कर उसे जीएसटी खाता में जमा करा दिया जाए.
वाणिज्यकर विभाग की प्रधान सचिव डॉ. प्रतिमा ने बताया कि इस संबंध में पंचायतीराज विभाग द्वारा सभी जिलों के जिला पंचायतीराज पदाधिकारी व पंचायत सचिवों को विस्तृत दिशा-निर्देश भी जारी किया गया है. इस निर्देश के अनुसार पंचायत सचिवों को जीएसटी संबंधी जानकारी को लेकर पहले सक्षम बनाया जाना है. उन्होंने बताया कि सरकारी खाते में कटौती की गयी जीएसटी की राशि नही जमा कराने पर जुर्माना व हर्जाना का प्रावधान भी किया गया है.
जीएसटी लागू होने के बाद भुगतान वाले वेंडरों की सूची भी करानी है उपलब्ध राज्य कर अपर आयुक्त मोहन कुमार ने बताया कि गया जिले की सभी 333 पंचायत सचिवों को दो फीसदी जीएसटी काटे जाने से संबंधित नोटिस दी गई. इसके बाद विवरणी भी भरनी है. दो फीसदी नहीं काटने, या काटने के बाद भुगतान नहीं करने की स्थिति में पंचायत सचिवों पर कार्रवाई की जाएगी. बताया कि जीएसटी नहीं काटी या दो फीसदी से कम काटी तो पंचायत सचिव को जुर्माने के रूप में जेब से दोगुनी राशि जमा करनी होगी. उन्होंने बताया कि फिलवक्त भुगतान पर कटौती के साथ ही जब से जीएसटी लागू हुआ है तब से भुगतान पाने वाले वेंडरों की सूची विभाग को उपलब्ध कराना जरूरी है. उन्होंने बताया कि नोटिस दिए जाने के बाद प्रमंडल (वाणिज्य कर विभाग) के सासाराम से 26 व गया से 10 से अधिक पंचायतों से राशि का भुगतान किया गया है. गया के साथ ही प्रमंडल के औरंगाबाद, सासाराम, भभुआ, औरंगाबाद, नवादा, जहानाबाद व अरवल जिले के पंचायत में भुगतान पर विभाग की नजर है.