बिहार

कोशी नहर में अधिक पानी छोड़ने से धान की फसल डूबी

Admin Delhi 1
26 July 2023 4:53 AM GMT
कोशी नहर में अधिक पानी छोड़ने से धान की फसल डूबी
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मधुबनी न्यूज़: कोशी नहर में अधिक पानी छोड़े जाने से बाबूबरही और पंडौल प्रखंड क्षेत्र के हजारों एकड़ में लगी धान की फसल डूब गई है. इससे किसानों की परेशानी बढ़ गयी है. बांध दुरुस्त नहीं रहने से नहर का पानी रिसाव होकर बाबूबरही के पिरही, परवतियाटोल, भूपट्टी, खरकबनी सहित प्रखंड क्षेत्र के अन्य विभिन्न इलाके में पहुंच गयी. इससे गांव के आसपास ढाई सौ एकड़ से अधिक खेतों में लगी धान की फसलें डूब गई है.

मुख्य नहर के इर्द-गिर्द भू-भाग नहर के पानी से पूरी तरह जलमग्न हो गई है. नहर से संबंधित ग्रामीणों को इस बात के लिए चिंता सता रही है कि यदि यही स्थिति आगे बनी रही तो उनकी मेहनत पर पानी फिर जाएगा. बरैल सुक्खी मुख्य नहर शाखा के दोनों तरफ कई जगहों पर साफ सफाई हुई है. उसके बाद प्राकृतिक वजहों से बांध में होल और सुराख बने. उस जगह की मरम्मत नहीं हुई. नतीजा यह हुआ कि नहर का पानी सीलन होकर आसपास इलाके में फैल जाता है. किसानों को फायदा कम नुकसान अधिक होता है. हालांकि कोसी नहर के अभियंता अशोक कुमार ने बताया कि ऐसी जानकारी उन्हें नहीं हुई है. यदि होती है तो समुचित कार्रवाई करेंगे.

उग्रनाथ शाखा नहर में जरूरत से अधिक पानी छोड़ा पिछले कई दशकों से निर्माण हो रहे कोसी नहर में पहली 2022 में पानी छोड़ा गया है. जिससे स्थानीय किसानों समेत लगभग 200 गांव को उक्त नहर से लाभ मिलने लगा. जो 2023 में लाभ से ज्यादा किसानों का नुकसान कर रहा है.

जानकारी के अनुसार सकरी कोसी प्रोजेक्ट के पूर्वीक्षेत्र में बने उग्रनाथ शाखा नहर मे पिछले वर्ष 2022 में पहली बार पानी आया है. लोगों ने नहर के पानी से खेती किया और कोशी नहर का लाभ भी उठाया था. मगर 2023 में उसी नहर में ज़रूरत से ज्यादा पानी छोड़ दिया गया. जिसके कारण सकरी पूर्वी पंचायत, मेघौल के हजारों एकद लगी फसल के बीज डूब गए है. इस संबंध में मेघौल के किसान अबोध यादव, कैलाश यादव नरेश यादव, मो सुलेमान ने बताया कि सकरी कोसी प्रोजेक्ट के पूर्वीक्षेत्र में बने उग्रनाथ शाखा नहर में नेपानी पानी छोड़ा गया है. उक्त नहर का अंतिम छोड़ सकरी पूर्वी पंचायत के मिन्हई पर खुला है. जिसके कारण नहर का पानी कई पंचायत के खेतों में ़फैल गया है.

जिससे खेत में लगी फसल पूरी तरह बर्बाद हो गयी है. जिसकी पूर्व में ही शिकायत की गयी थी मगर विभाग के अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दिए और सैकड़ों एकड़ कि खेती बर्बाद हो हो गयी है.

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