गोपालगंज: बहुत जल्द ही जिला मुख्यालय स्थित गोपालगंज शहर का चौमुखी व सर्वांगीण विकास होगा. इसको लेकर प्रशासनिक कवायद शुरू कर दी गयी है.
इस संबंध में नगर विकास व आवास विभाग के परियोजना पदाधिकारी सह अपर निदेशक ने शहरों के आयुक्तों और ईओ को पत्र भेजा है. जिसमें कहा है कि विभाग ने अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट योजना को स्वीकृति दी है. योजना के तहत टीयर-2 और टीयर-3 की श्रेणी में सूबे के कुल 58 शहर चुने गए हैं. जिसमें गोपालगंज शहर भी शामिल है. चयनित शहरों में बुनियादी ढांचे का निर्माण के लिए राष्ट्रीय आवास बैंक को अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड की गतिविधियों को पूरा करने के लिए अधिकृत किया गया है. वहीं चयनित शहरों में परियोजनाओं की मंजूरी के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 में 466.29 करोड़ रुपए कर्णांकित किए हैं. परियोजना पदाधिकारी सह अपर निदेशक ने नगर निकायों के आयुक्त व ईओ से यथाशीघ्र परियोजना स्वीकृति का प्रस्ताव अपने बोर्ड से अनुमोदन के साथ उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. जिससे कि आवश्यक कार्रवाई की जा सके.
कई योजनाओं को दी जाएगी प्राथमिकता शहर के बुनियादी ढांचे के निर्माण के तहत कई योजनाओं को प्राथमिकता दी जाएगी. विभागीय पत्र के अनुसार आवासन व शहरी कार्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड की गतिविधियों को संचालित किया जाएगा. इसके तहत मुख्य रूप से सिवरेज सिस्टम, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, जलापूर्ति, स्वच्छता, नाली और स्टॉर्म ड्रेनेज जैसी परियोजनाओं को प्रमुखता दी जाएगी. जिससे कि शहरी क्षेत्र का चौमुखी व सर्वांगीण विकास होगा और शहरवासियों की कई समस्याओं का निदान हो सकेगा.
गोपालगंज शहर को अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट योजना के तहत टीयर-2 व टीयर-3 की श्रेणी में शामिल किया गया है. इससे संबंधित योजनाओं का चयन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है.
-हरेन्द्र कुमार चौधरी, मुख्य पार्षद, नगर परिषद गोपालगंज
इन योजनाओं का करना है चयन
- जलापूर्ति नेटवर्क की योजनाएं.
- नाला और स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज का निर्माण व विकास की योजनाएं.
- सिवरेज नेटवर्क की योजनाएं.
- भुगतान आधारित उपयोग वाले शौचालकों का निर्माण.
- ठोस अपशिष्ठ प्रसंस्कार संयंत्र.
- विरासत अपशिष्ट डम्पसाईट के लिए उपलब्ध या प्राप्त भूमि का व्यापक विकास योजनाएं.
- क्षेत्र विकास परियोजना के अधीन सड़क निर्माण.
- ओवरब्रिज, ग्रेड सेपरेटर और अंडरपास निर्माण.
- बिजली व गैस के शवदाहगृह.
- विस्तृत क्षेत्र विकास परिजनाओं के तहत भीड़-भाड़ कम करने के लिए स्थानी य क्षेत्र योजना.
- विरासत संरक्षण.
- सार्वजनिक परिवहन.
- हरित क्षेत्र विकास के लिए टाउन प्लानिंग योजना.
- ओपेन जिम के साथ पार्क,जिसमें निर्माण संबंधी कार्य नहीं हों.