बिहार

फॉगिंग नहीं होने से बढ़ा मच्छरों का प्रकोप

Admin Delhi 1
18 Aug 2023 5:05 AM GMT
फॉगिंग नहीं होने से बढ़ा मच्छरों का प्रकोप
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वीआईपी इलाकों में होती है फॉगिंग

नालंदा न्यूज़: मौसम में परिवर्तन के साथ बारिश होने से शहर में मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है. जगह-जगह जमे गंदे पानी में मच्छर पनपने लगे हैं. जिससे शहरवासी परेशान हैं. लेकिन, मच्छरों से निपटने के लिए नगर निगम उदासीन बनी है.

नगर निगम की ओर से शहर में कहीं भी फॉगिंग नहीं कराई जा रही है. शहर में मच्छरों का प्रकोप इतना बढ़ गया है कि शहरवासी शाम होते ही मच्छरों के आतंक से परेशान हो रहे हैं. सबसे ज्यादा परेशानी छोटे-छोटे बच्चों को हो रही है. वहीं मच्छरों के प्रकोप से बचाव को लेकर शहर के नालों व नालियों में कहीं भी दवा का छिड़काव नहीं हो रहा है. जिस कारण एक तरफ शहरवासी परेशान हैं तो, दूसरी तरफ मलेरिया व डेंगू होने की संभावना जताई जा रही है. नगर निगम क्षेत्र में फॉगिंग को लेकर नगर आयुक्त यतेंद्र कुमार पाल ने अप्रैल माह में प्लान तैयार किया था. प्लान के तहत रोस्टर वाइज वार्डों में फॉगिंग करना था. लेकिन, नगर आयुक्त के द्वरा जारी आदेश का असर भी सफाई कार्य में लगे एजेंसी को नहीं हुआ. कई बार वार्ड पार्षदों की शिकायत पर एजेंसी के कर्मी को डांट-फटकार लगाई गई थी. बावजूद फॉगिंग को लेकर बनाए गए प्लान पर आज तक अमल नही हुआ. विदित हो कि पिछले साल शहर में डेंगू के प्रकोप बढ़ने के बाद जिला प्रशासन की नींद खुली थी. फॉगिंग को लेकर काफी हंगामा हुआ था. जिसके बाद शहर के कुछ क्षेत्रों में फॉगिंग का कार्य शुरू किया गया था. लेकिन, डेंगू का प्रकोप कम होने के साथ ही फॉगिंग भी बंद हो गया था. वहीं इस वर्ष नगर आयुक्त द्वारा बनाई गई योजना भी धराशाई हो गई. जिसके बाद अधिकारी भी फॉगिंग को लेकर सुस्त हो गए हैं.

हालांकि अधिकारियों द्वारा फॉगिंग किए जाने की बात की जाती है. लेकिन, जमीनी हकीकत कुछ और ही है. शहर में फॉगिंग के लिए नगर निगम के पास चार फॉगिंग मशीन है. जिसमें एक बड़ा व तीन छोटा है. चार में से दो फॉगिंग मशीन पिछले एक साल से अधिक समय से खराब है. जिसे बनवाने को लेकर नगर निगम प्रशासन शिथिल पड़ी है. वहीं दो फॉगिंग मशीनों की मदद से ही शहर में फॉगिंग किया जाता है. वहीं नगर निगम में एक भी हैंड फॉगिंग मशीन नहीं है. जिस कारण संकीर्ण गलियों में फॉगिंग नहीं हो पाती है. वहीं छोटे फॉगिंग मशीन से कभी कभार ही फॉगिंग का कार्य शहर में किया जाता है.

वीआईपी इलाकों में होती है फॉगिंग

शहर के जिन वार्डों में फॉगिंग की आवश्यकता है, उन वार्डों में नहीं होती है. मच्छरों से प्रभावित वार्डों को छोड़ नगर निगम के अधिकारी प्रशासनिक अधिकारियों के आवासों के अलावा वीआईपी क्षेत्रों में ही फॉगिंग पर ध्यान देते हैं.

ताकि प्रशासनिक अधिकारियों के साथ वीआईपी व्यक्ति नगर निगम के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं कर सके. वहीं प्रशासनिक अधिकारियों को अपने आवास के पास फॉगिंग देख ऐसा प्रतीत होता है कि शहर की सभी वार्डों में फॉगिंग हो रहा है.

तीन अधिकारी के बाद भी व्यवस्था में सुधार नहीं

नगर निगम में तीन अधिकारी हैं. जिसमें नगर आयुक्त, उप नगरआयुक्त व सिटी मैनेजर शामिल हैं. फिर भी समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है. लोगों का कहना है कि अधिकारी इतने व्यस्त हैं कि उन्हें शहरवासियों की समस्या का समाधान कराने का फुर्सत नहीं है.

वहीं कई वार्ड पार्षद समेत लोगों ने नगर आयुक्त पर फोन नहीं उठाने का भी आरोप लगाया है.

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