बिहार
मिर्जा गालिब में भगवत गीता और कुरान का सामाजिक पक्ष पर महत्वपूर्ण लेक्चर का आयोजन
Shantanu Roy
1 Sep 2022 6:02 PM GMT

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गया। भगवत गीता और कुरान का सामाजिक पक्ष पर मिर्जा गालिब कॉलेज में एक ऑनलाइन व्याख्यान का आयोजन दर्शनशास्त्र विभाग के द्वारा किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ के डॉ. प्रशांत शुक्ला और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर लतीफ हुसैन एस काजमी ने अपना महत्वपूर्ण व्याख्यान दिया। कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर सरफराज खान ने अपनी बात रखते हुए कहा कि गीता और कुरान के मानवतावादी दर्शन को हम समाज में फैला कर एक आदर्श राज्य की स्थापना कर सकते हैं।इस व्याख्यान के विषय का परिचय देते हुए दर्शनशास्त्र की विभागाध्यक्ष डॉ. नाजनी बेगम ने बेबाक तरीके से कहा कि जो बातें गीता में कृष्ण ने कही है वही बात है कुरान में खुदा ने कही है। गीता का संदेश है कि तुम सब कुछ छोड़ कर ईश्वर के समीप आओ इस्लाम कहता है अल्लाह के आगे अपने सर को झुका दो। उन्होंने कहा कि दोनों का संदेश एक है और वह है आपसी भाईचारगी को बढ़ावा देना। लखनऊ यूनिवर्सिटी लखनऊ के डॉ प्रशांत शुक्ला ने इस विषय को विस्तार से समझाते हुए बताया कि एक अच्छा जीवन जीना और उसे समझ पाना दर्शन शास्त्र का लक्ष्य है। सभी धर्म एक ही बात करते हैं और वो विश्व बंधुत्व की स्थापना है। उन्होंने कहा कि बिना व्यवहार के ज्ञान का कोई अर्थ नहीं है।
ज्ञान को कर्म में उतारना भी आवश्यक है। गीता निष्काम कर्म की बात करता है वो विश्व बंधुत्व की प्रेरणा देता है, एक ऐसे समय में जब हम आपस में लड़ -झगड़ रहे हैं तो विश्व बंधुत्व का कोई अर्थ नहीं निकलने वाला।उन्होंने कहा कि कुरान में जकात की बात बार-बार दोहराई गई है। वास्तव में ज़कात दूसरे लोगों का ख्याल रखना ही है, जो एक प्रकार से विश्व बंधुत्व का ही पर्याय है। अलीगढ़ यूनिवर्सिटी अलीगढ़ के प्रोफेसर लतीफ हुसैन एस काज़मी ने जोर देकर कहा कि आज जिहाद शब्द को लेकर एक भ्रांति है। वास्तव में जिहाद दो प्रकार का है।एक बड़ा जिहाद और दूसरा छोटा जिहाद। बड़ा जेहाद अपनी ख्वाहिशों को खत्म करना है और छोटा जिहाद यह है कि तमाम प्रकार के व्यक्तिगत और सामाजिक बुराइयों से खुद को रोका जाए। उन्होंने कहा कि आज कुरान और गीता का यह संदेश मानना जरूरी है कि जो वादा करो वह पूरा करो। इस एक वाक्य पर अमल करने से ही हम कई सारी सामाजिक कुरीतियों से बच जाएंगे। कार्यक्रम के अंत में अध्यक्षीय टिप्पणी करते हुए मिर्जा गालिब के अंग्रेजी विभाग की विदूषी प्रोफेसर डॉ.सरवत शमसी ने बताया कि समाज का ताना-बाना जिन चीज़ों से बनता है वह है सामाजिक सद्भाव,और आपसी प्रेम। तमाम धर्मों का मूल उद्देश्य भी यही है। कुरान कहता है तुम जमीन पर फितना न करो तो गीता का संदेश है यह पूरी दुनिया वसुधैव कुटुंबकम अर्थात एक परिवार की तरह है। अगर हम सब एक दूसरे की तकलीफों को समझने लगें तो धार्मिक उन्माद जैसी बातें ही न हों। जरूरत है हम सब मिलकर समाज और राष्ट्र को आगे बढ़ाएं। तमाम धर्मों का मूल संदेश भी यही है।
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