बक्सर न्यूज़: अनुमंडल वासियों को सरकारी सुविधा का समुचित लाभ मिलें. इसके लिए स्वास्थ्य महकमा अलर्ट है. सरकार ने फरमान जारी किया है कि अस्पतालों के खराब उपकरण को 48 घंटे के अंदर ठीक कर लेना है. ताकि, अस्पताल आनेवाले लोगों का बेहतर इलाज हो सके.
सरकार के फरमान से अस्पताल में बेहतर सुविधाओं को लेकर नागरिकों की उम्मीद बढ़ गई है. बता दें कि, दो साल पूर्व अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन लगाया गया था. जिसे ग्राउंड फ्लोर पर एक कमरे में रखा गया है. छह माह पहले ईसीजी मशीन आया. जिसे ग्राउंड फ्लोर पर ही स्थापित किया गया है. लेकिन, मशीन लगने के बाद से ही खराब पड़ा है. नतीजतन, अल्ट्रासाउंड एवं ईसीजी मशीन का लाभ मरीजों को नहीं मिल पाता है. इधर, मशीनों को शीघ्र दुरूस्त करने के सरकारी आदेश से लोगों मे उम्मीद जगी है कि मशीनें दुरूस्त होने के बाद मरीजों को इसका लाभ मिलने लगेगा.
अस्पताल में नहीं हैं चिकित्सक अल्ट्रासाउंड मशीन अनुमंडलीय अस्पताल में दो साल से रखा है. लेकिन, मशीन ठीक है या खराब. यह बताने वाला कोई नहीं है. चिकित्सक का पदस्थापन नहीं होने से मरीज इसके लाभ से वंचित हैं. अस्पताल के ओपीडी में प्रतिदिन 200 मरीज पहुंचते हैं. जिसमें 25 फीसद मरीज को अल्ट्रासाउंड जांच की जरूरत पड़ती है. लेकिन, अस्पताल में जांच नहीं होने से निजी क्लीनिक का सहारा लेना पड़ता है.
छह माह से ईसीजी मशीन कक्ष में लटका है ताला
अनुमंडलीय अस्पताल में ईसीजी मशीन लगने पर मरीजों में खुशी थी. लेकिन, छह माह बाद भी ईसीजी मशीन का संचालन शुरू नहीं हो पाया है. जिसके चलते मरीज निजी क्लीनिक में आर्थिक शोषण के शिकार होते हैं. इधर, सरकार के 48 घंटे में खराब उपकरण ठीक करने के फरमान से लोगों में उम्मीद जगी है कि शीघ्र ही ईसीजी मशीन का लाभ मिलने लगेगा.