बिहार

डेंगू पीड़ितों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर सरकारी अस्पतालों में बेड सुरक्षित रखने का आदेश

Shantanu Roy
10 Oct 2022 6:02 PM GMT
डेंगू पीड़ितों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर सरकारी अस्पतालों में बेड सुरक्षित रखने का आदेश
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बेगूसराय। बेगूसराय में डेंगू संक्रमितों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर सोमवार को डीएम रोशन कुशवाहा ने स्थितियों की समीक्षा की। डीएम ने जिले के सभी अस्पतालों में रैपिड रिस्पॉन्स टीम को सतत सक्रिय रखने के साथ ही डेंगू बुखार के क्लिनिकल प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों के अनुरूप प्रतिबद्धता के साथ कार्य करने का निर्देश दिया। डीएम ने डेंगू के लक्षणों एवं बचाव के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार कर आम नागरिकों को जागरूक करने का भी निर्देश दिया। इसके साथ ही सिविल सर्जन एवं जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी को सजग तथा सक्रिय रहते हुए डेंगू के सम्पुष्ट मरीजों के साथ-साथ संदिग्ध मरीजों की भी स्थितियों पर निगरानी रख कार्रवाई करने तथा नगर आयुक्त को निगम क्षेत्र में साफ-सफाई एवं जलजमाव रोकने पर विशेष ध्यान देने तथा नियमित रूप से सघन फॉगिंग करने, टेमीफॉस आदि का छिड़काव करने का निर्देश दिया। डीएम ने बताया कि जिले में अब तक डेंगू से प्रभावित आठ मामले प्रतिवेदित हुए हैं, जिसके संबंध में आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। डेंगू प्रभावित मरीजों के लिए सदर अस्पताल में मच्छरदानी युक्त दस बेड तथा सभी पीएचसी में दो-दो बेड सुरक्षित रखने का निर्देश दिया गया है। जिलेवासी डेंगू से प्रभावित होने की स्थिति में घबराएं नहीं, डेंगू बुखार के लक्षण दिखने पर अविलंब नजदीकी अस्पताल ले जाएं। बचाव ही सर्वोत्तम उपाय है, चिकित्सीय सलाह के अनुसार दवाई लें।
सिविल सर्जन डॉ. प्रमोद कुमार सिंह ने कहा कि तेज बुखार के उपचार के लिए एस्प्रीन अथवा बुफेन की गोलियों का इस्तेमाल नहीं करें। ऐसे बुखार के लिए पारासिटामोल सुरक्षित दवा के रूप में माना गया है। कई अवसरों पर डेंगू की जांच आरडीटी किट से करने में एनएस-1 पॉजिटिव परिणाम प्रदर्शित होने पर उसे डेंगू बुखार घोषित कर दिया जाता है, जिससे लोगों में भय एवं भ्रांति की स्थिति उत्पन्न होने की संभावना रहती है। आरडीटी किट जांच से संदिग्ध डेंगू चिन्हित किए जा सकते हैं, लेकिन यह जांच रोग को सम्पुष्ट नहीं करता है। भारत सरकार के निर्देशानुसार डेंगू बुखार की सम्पुष्ट जांच सिर्फ इलिसा बेस्ड एनएस-1 एवं एलजीएम किट से ही किया जाना है, जिसके संबंध में निजी अस्पतालों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। डेंगू का लक्षण है अचानक तेज सिर दर्द एवं तेज बुखार, मांसपेशियों एवं जोड़ों में दर्द होना, आंखें लाल एवं दर्द होना, जी मिचलाना एवं उल्टी होना, गंभीर मामलों में नाक, मुंह, मसूड़ों से खून आना, त्वचा पर चकते उभरना, काला पैखाना, शरीर में स्वैलिंग होना आदि। डेंगू से बचाव के लिए कूलर, पानी की टंकी, पक्षियों के पीने के पानी का बर्तन, फ्रिज की ट्रे, फूलदान इत्यादि को प्रति सप्ताह खाली करें तथा धूप में सुखाने के बाद ही प्रयोग करें। नारियल का खोल, टूटे हुए बर्तन एवं टायरों में पानी जमा नहीं होने दें, घरों के दरवाजे एवं खिड़कियों में जारी या परदा लगाएं, सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें, दिन में मच्छर से बचने के लिए शरीर को ढ़कने वाले वस्त्र पहनें।
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