बिहार

ईपीएस आदित्य की अग्रिम जमानत अर्जी पर आदेश सुरक्षित, फर्जी कॉल मामले में हैं अभियुक्त

Admin Delhi 1
3 Dec 2022 11:44 AM GMT
ईपीएस आदित्य की अग्रिम जमानत अर्जी पर आदेश सुरक्षित, फर्जी कॉल मामले में हैं अभियुक्त
x

पटना: बिहार के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के नाम पर फर्जी कॉल कर पैरवी करने के मामले में अभियुक्त बनाए गए भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी आदित्य कुमार की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद पटना की एक सत्र अदालत ने आज अपना आदेश 03 दिसंबर 2022 तक के लिए सुरक्षित रख लिया । अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (21) राजवीर सिंह की अदालत में आदित्य कुमार की ओर से बहस करते हुए वरीय अधिवक्ता एस. डी. संजय ने कहा कि उनके मुवक्किल को इस मामले में झूठा फंसाया गया है ताकि एक वरीय पदाधिकारी को बचाया जा सके। उन्होंने आगे कहा कि इस मामले के मुख्य अभियुक्त अभिषेक जायसवाल का संबंध कई आईपीएस अधिकारियों से है लेकिन उनके मुवक्किल से उसका कोई संबंध नहीं है।

वहीं, जमानत अर्जी का विरोध करते हुए आर्थिक अपराध इकाई के विशेष लोक अभियोजक राणा विक्रम सिंह ने अदालत में पेश किए गए ब्योरेवार सबूत एवं मामले की केस डायरी का हवाला देते हुए कहा कि एफएसएल की जांच में आदित्य कुमार और अभिषेक के बीच मोबाइल से की गई चैटिंग की पुष्टि हुई है। उन्होंने अदालत से यह भी अनुरोध किया कि मामले में जांच अभी प्रारंभिक अवस्था में है इसलिए मामले की केस डायरी के तथ्यों को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है। उन्होंने अदालत में पेश की गई डायरी को पुनः सील बंद करके वापस करने की अनुरोध किया। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने अपना आदेश 03 दिसंबर 2022 तक के लिए सुरक्षित रख लिया।

गौरतलब है कि गया जिले के तत्कालीन वरीय पुलिस अधीक्षक आदित्य कुमार के खिलाफ दर्ज मुकदमे और विभागीय कार्रवाई को रफा-दफा करने के लिए पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बनकर मामले के एक अन्य अभियुक्त द्वारा डीजीपी बिहार को फर्जी कॉल किए जाने को लेकर आर्थिक अपराध इकाई ने मुकदमा संख्या 33/2022 भारतीय दंड विधान की धारा 353, 387, 419, 420, 467, 468, 120(बी) और 66 आईटी एक्ट के तहत दर्ज किया है। इस मामले में फर्जी कॉल करने वाले अभिषेक जयसवाल समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।

Next Story