बिहार

डीपीओ पर कार्रवाई का आदेश

Admin Delhi 1
30 May 2023 7:12 AM GMT
डीपीओ पर कार्रवाई का आदेश
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गोपालगंज न्यूज़: मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले की जांच के दौरान अन्य शेल्टर होम के पदाधिकारी भी दोषी पाए गए थे. इनमें कैमूर की तत्कालीन जिला प्रोग्राम पदाधिकारी (डीपीओ) श्वेता मिश्रा भी शामिल थीं. वह वर्तमान में आरा में भूमि सुधार उप-समाहर्ता के पद पर तैनात हैं.

इनके खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी किया है. इसमें इनकी दो वेतनवृद्धि रोकी गई और आरोप वर्ष 2015-16 के लिए निन्दन का दंड दिया गया है. शेल्टर होम मामले की जांच सीबीआई के स्तर पर भी की गई थी. केंद्रीय जांच एजेंसी ने कई पदाधिकारियों को दोषी पाया और इनके खिलाफ कार्रवाई करने की अनुशंसा राज्य सरकार से की थी. इस सूची में श्वेता मिश्रा का भी नाम शामिल था. इनके बाद इन पर विभागीय कार्रवाई चलाई गई और उनके स्पष्टीकरण मांगा गया. उनका जवाब संतोषजनक नहीं पाए जाने के बाद इनके खिलाफ सामान्य प्रशासन विभाग ने कार्रवाई की है. जांच में यह पाया गया कि उन्होंने अपनी तैनाती के दौरान कैमूर के अल्पावास गृह की मॉनिटरिंग एवं निरीक्षण व अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं किया. व्यापक स्तर पर लापरवाही बरती गई थी. सीबीआई ने उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की अनुशंसा की थी, लेकिन विभागीय जांच में इस अनुशंसा को विधि के विरुद्ध पाते हुए इसके अनुरूप ही दंड दिया गया है. उनका पदस्थापन काल 9 महीने का ही था. बक्सर के तत्कालीन जिला प्रबंधक सौ फीसदी पेंशन कटौती का आदेश इसके अलावा बक्सर के बिहार राज्य खाद्य निगम के तत्कालीन जिला प्रबंधक आलोक कुमार की सौ फीसदी यानि शत-प्रतिशत पेंशन कटौती करने का आदेश दिया गया है. बिहार प्रशासनिक सेवा के यह पदाधिकारी वर्तमान में सेवानिवृत्त हो गए हैं. उन पर आरोप है कि बक्सर में तैनाती के दौरान खरीफ विपणन वर्ष 2012-13 के दौरान धान की कुटाई के लिए मिलरों के साथ किए जाने वाला एकरारनामा नियमानुकूल नहीं था.

इस वजह से निगम को 37 करोड़ 41 लाख 45 हजार 564 रुपये की आर्थिक हानि हुई. जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने उनके खिलाफ यह कार्रवाई की है.

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